एनीमिया मुक्त भारत के सपने को पूरा करने में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका: डीपीओ
आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न आयोजनों से ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक: निधि प्रिया
पूर्णिया(बिहार)स्वस्थ पोषण ही पीढ़ियों के स्वास्थ्य का आधार होता है। इसको लेकर भारत सरकार एवं महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण से संबधित जागरूकता अभियान चलाया जाता है। पोषण के प्रति यह जागरूकता अभियान राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर महीने में संचालित किया जाता है। पोषण अभियान का लक्ष्य महत्वपूर्ण आंगनबाड़ी सेवाओं के बेहतर उपयोग और वितरण को बढ़ाकर देश के सबसे अधिक कुपोषण वाले जिलों में स्टंटिंग(नाटापन) को कम करना होता है। जिसको लेकर जिले में 1 से 30 सितंबर तक पोषण अभियान का शुभारंभ हो चुका है।
एनीमिया मुक्त भारत के सपने को पूरा करने में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका: डीपीओ
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम अधिकारी रीना श्रीवास्तव ने कहा कि शुक्रवार 1 सितंबर से पोषण माह की औपचारिक शुरुआत हो गयी है। सितंबर महीने में जिले के सभी सीडीपीओ को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा गया है कि अपने – अपने क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करते हुए पोषण जागरूकता अभियान चला लोगों के बीच इसकी महत्ता को अधिक से अधिक प्रचारित किया जाना है।
इस बार के पोषण माह में एनीमिया प्रबंधन पर अत्यधिक जोर देना है। साथ ही जन्म से लेकर 6 माह तक के नवजात शिशुओं के लिए सिर्फ़ स्तनपान एवं इसके बाद अनुपूरक आहार की जरूरत पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोषण माह के दौरान जिले के कस्तूरबा बालिका विद्यालय, दिव्यांग जन विद्यालय के साथ साथ अन्य विद्यालयों में भी खून की जांच कर एनीमिया की पहचान की जाएगी। ताकि पोषण के साथ ही एनीमिया मुक्त भारत का सपना पूरा किया जा सके।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न आयोजनों से ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक: निधि प्रिया
राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आमलोगों के बीच जन-जागरूकता के लिए पोषण रैली, प्रभात फेरी और साइकिल रैली निकाली जाएगी। वहीं पोषण शपथ कार्यक्रम औैर पोषण शपथ हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया जाएगा। सितंबर माह में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर समुदाय आधारित गतिविधियां जैसे- गोद भराई सह सुपोषण दिवस और अन्नप्राशन का आयोजन किया जाएगा।आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा पोषक क्षेत्रों में गृह भ्रमण भी किया जाएगा। जिस दौरान छह माह तक केवल स्तनपान व 6 माह के बाद ऊपरी आहार एवं दो वर्ष तक के बच्चों को ऊपरी आहार के साथ-साथ स्तनपान का अभ्यास और परामर्श देने पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा बच्चों की वृद्धि निगरानी और स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा का आयोजन प्रखंड व आंगनबाड़ी केंद्रों पर संचालित किया जाएगा। जिसमें आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग, जीविका, शिक्षा विभाग और पंचायती राज एवं अन्य सहयोगी विभागों का सहयोग लिया जाएगा।
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