आयुष क्वाथ(काढ़ा) से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
तुलसी की पत्ती, दालचीनी, सोंठ व काली मिर्च का सही अनुपात से बनता है क्वाथ
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के एक से एक प्राकृतिक उपाय हैं आयुर्वेद में
पूर्णियाँ(बिहार)आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के एक से एक नायाब प्राकृतिक तरीके मौजूद हैं।इन्हीं में से एक प्रमुख है आयुष क्वाथ यानि काढ़ा, लेकिन यह तभी सबसे अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है जब इसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री की मात्रा उचित हो। इसके अलावा च्यवनप्राश और गोल्डन मिल्क (दूध-हल्दी) भी कोरोना वायरस समेत तमाम ऐसी संक्रामक बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते लोगों को घेर लेती हैं।
आयुष क्वाथ (काढ़ा) बनाने के लिए उचित मात्रा का होना जरूरी:
जिला आयुष चिकित्सक डॉ. आर. पी. सिंह ने बताया रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने के लिए आयुष क्वाथ (काढ़ा) को चार प्रमुख औषधीय जड़ी-बूटियों- तुलसी की पत्ती, दालचीनी, सोंठ और कृष्ण मरीच (काली मिर्च) मिलाकर तैयार करना सबसे उपयुक्त रहता है।इसके लिए तुलसी पत्ती चार भाग, दालचीनी दो भाग, सोंठ दो भाग और काली मिर्च का एक भाग होना सबसे उपयुक्त होता है। काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले सभी सूखी सामग्रियों को कूटकर पाउडर बना लें, तीन ग्राम की पाउच या टी बैग बनाएं या 500 मिलीग्राम पाउडर की गोली बनाएं। 150 मिलीलीटर उबले पानी में इसे घोलकर चाय की तरह एक या दो बार सेवन कर सकते हैं। स्वाद के लिए इसमें गुड़/द्राक्षा/नींबू का रस मिला सकते हैं।
अन्य आयुर्वेद बूटियां भी स्वस्थ शरीर के लिए उपयोगी :
डॉ. सिंह ने कहा क्वाथ के अलावा अन्य बूटियां भी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में उपलब्ध है। जैसे कि सुबह 10 ग्राम (एक चम्मच) च्यवनप्राश का सेवन करना भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश का शेवन करना चाहिए। गोल्डन मिल्क- 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से भी शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। गुनगुना पानी पीना भी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इस तरह आयुर्वेद के नुस्खों को आजमाकर और ध्यान व प्राणायाम को अपने जीवन में शामिलकर लोग निरोगी काया पा सकते हैं।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बरतें जरूरी सावधानियां :
आयुष चिकित्सक डॉ. आर. पी. सिंह ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अन्य जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जब भी बाहर निकलें मुंह व नाक को मास्क/गमछा/रूमाल या स्कार्फ से अच्छी तरह अवश्य ढकें। हाथों को बार-बार सेनिटाइजर या साबुन-पानी से धोते रहें। अपने नाक व मुंह को बार-बार न छुएं। लोगों से दो मीटर की दूरी रखना भी बहुत जरूरी है।यही छोटे-छोटे उपाय करके कोरोना को मात दी जा सकती है।
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