रेप नहीं, गंभीर यौन हमला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदला आरोप
कासगंज(यूपी)इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में रेप के प्रयास का आरोप हटाकर गंभीर यौन हमले का मामला माना है। कोर्ट ने कहा कि 11 वर्षीय पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को पकड़ना, पायजामे का नाड़ा तोड़ना और पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश रेप या उसके प्रयास की श्रेणी में नहीं आता। यह गंभीर यौन हमला है।

इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पाक्सो अधिनियम की धारा 18 के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति राममनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि रेप के प्रयास और अपराध की तैयारी में अंतर होता है। अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होता है कि आरोपी अपराध की तैयारी से आगे बढ़ चुके थे। इस मामले में ऐसा नहीं था।

कोर्ट ने कहा कि आरोपियों पर आईपीसी की धारा 354 (बी) और पाक्सो अधिनियम की धारा 9/10 के तहत मामला बनता है। निचली अदालत को समन आदेश में संशोधन कर इन धाराओं के तहत नया समन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह मामला कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र का है। पवन और आकाश नाम के दो आरोपियों ने 11 वर्षीय बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न की कोशिश की थी। आकाश ने पीड़िता के पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की। राहगीरों के पहुंचने पर आरोपी भाग गए।
हाईकोर्ट के इस फैसले से स्पष्ट हुआ है कि यौन अपराधों में आरोपों को साक्ष्यों के आधार पर सही तरीके से तय किया जाना चाहिए।

