सदर अस्पताल के महिला वार्ड में नर्स के रूप में है डिम्पल की तैनाती
पूर्णियाँ 11 मई स्वास्थ्य सेवाओं की परिकल्पना नर्सों के योगदान के बिना संभव नहीं है. नर्स वह कड़ी हैं जो स्वास्थ्य सेवाओं को को बेहतर उपचार से जोडती है. नर्सों के इस बहुमूल्य योगदान को याद करते हुए प्रत्येक साल की 12 मई को विश्व नर्स दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष का यह आयोजन अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में कोरोना नर्स कोरोना पीड़ितों की देखरेख में दिन-रात जुटी हैं. ऐसे सभी प्रकार की जिम्मेदारियों को पूर्णियाँ सदर अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में कार्यरत ए ग्रेड स्टाफ नर्स डिम्पल कुमारी निभा रही है. वह न सिर्फ सभी गर्भवती महिलाओं की जांच करती है बल्कि उन्हें और उनके होने वाले बच्चे को कैसे कोरोना संक्रमण से बचा कर रखा जा सके इसकी भी जानकारी देती है.
जरूरत से ज्यादा समय तक करती है अपनी ड्यूटी :
नर्स डिम्पल कुमारी ने बताया कि आम तौर पर हमारी ड्यूटी 8 घण्टे की होती है पर अभी कोविड-19 के कारण हमें 18 घण्टे तक भी ड्यूटी करनी पड़ती थी दिन-रात मिला कर, क्योंकि बाहर के सभी अस्पताल भी बंद हो गए थे. अभी भी गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा होने पर हमें ज्यादा समय तक कार्य करना पड़ता है. भले ही लॉक डाउन के कारण लोग अस्पताल नहीं आ रहे, सिर्फ गम्भीर मरीज ही अस्पताल आते हैं पर गर्भवती महिलाओं के लिए हमेशा उपलब्ध होना जरूरी होता है. ऐसे में किसी भी महिला को कोई तकलीफ न हो इसलिए हमेशा वार्ड में उपस्थित रहना, किसी के आने पर उनका पूरी तरह जांच करना, उन्हें व उनके होने वाले बच्चे को इस कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी देना जरूरी होता है, इसके लिए हम जितना हो सके उपस्थित रहने की कोशिश करते हैं. इसके लिए अभी के समय में हम किसी तरह की छुट्टियां नहीं ले रहे हैं.
जांच के दौरान सतर्कता का रखती है ध्यान :
ए ग्रेड स्टाफ नर्स डिम्पल ने कहा कि कोरोना से बचने का सबसे आसान तरीका सतर्कता व सफाई ही है. ऐसे में हम सभी लेबर विंग कर्मी हमेशा इसका ध्यान रखते हैं. कोई भी गर्भवती महिला जांच के लिए आए तो उसकी जांच से पहले जरूरी किट व सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं. गर्भवती महिला और उसके साथ आए संबंधी को भी सैनिटाइज करते हैं. वार्ड में लोगों के बीच सेल्फ-डिस्टेंसिन्ग का ध्यान रखा जाता है. अगर जांच लम्बे समय तक चल रही हो तो हर आधे घंटे या बीस मिनट में हैंडवाश करवाया जाता है. सभी लोगों को मास्क लगवा कर रखने कहा जाता है. शुरुआत में जो लोग मास्क नहीं पहने होते थे उन्हें कपड़े से मुंह ढकने का निर्देश दिया जाता था. हालांकि अभी सब इसे गम्भीरता से लेते हैं और सभी लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. हमलोग भी पूरी तरह किट, मास्क, ग्लव्स आदि का उपयोग करते हैं जिससे दूसरे लोगों को संक्रमित होने से बचा कर रखा जा सके. जांच में उपयोग होने वाले उपकरणों को भी दूसरे मरीजों पर इस्तेमाल करने से पहले कार्बोलिक एसिड से सभी उपकरणों को भी सैनिटाइज करते हैं.
घर पर सेल्फ आइसोलेशन का रखती है खयाल :
नर्स डिम्पल ने बताया कि काम के बाद जब भी घर पर जाती है तो वहाँ भी खुद को सेल्फ आइसोलेशन के लिए हर किसी से दूरी बना कर रखती है. ज्यादा समय अस्पताल में ही बिताने के बाद घर पर कोई संक्रमित न हो इसलिए हमेशा खुद को घर पर सैनिटाइज करते रहती हूँ. यह बहुत मुश्किल होता है कि आप अपने लोगों के साथ रहकर भी उनसे दूरी बना कर रहो पर हमें ऐसा करना पड़ता है. अभी देश को हमारी जरूरत है. हम जितना हो सके इसमें मदद करना चाहते हैं, जिससे हम ज्यादा लोगों की जिंदगियां बचा सकें. पहले लोग हमारे कार्यों को गंभीरता से नहीं लेते थे पर अभी सबलोग हमारी प्रशंसा कर रहे हैं. इससे हमें और ज्यादा काम करते रहने की प्रेरणा मिलती है. सिविल सर्जन, अस्पताल अधीक्षक तथा अस्पताल प्रबंधक द्वारा हमें कार्य में बहुत सहयोग मिलता है और उनके द्वारा नियमित हमारे कार्यों की हौसला अफजाई की जाती है.
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