जिला पोषण समन्वयक की देख- रेख में कार्यक्रम का हुआ आयोजन:
महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की होती है जरूरत:
मधेपुरा(बिहार)शिशु के विकास के प्रति बाल विकास परियोजना के तहत विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। इसके के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर महीने की 7 तारीख को गोद भराई दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण की थाली भी दी जाती है। जिसमें गुड़,चना,सहजन,हरी पत्तेदार सब्जियां,फल,आयरन की गोलियां आदि शामिल रहती है। हर माह की 7 तारीख को गोद भराई दिवस पर गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में चिह्नित महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एकत्र किया जाता है।
इस दौरान कार्यक्रम आयोजित कर गर्भवती महिलाओं और उनके अभिभावकों को योजनाओं के बारे में समुचित जानकारी दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को पोषण पोटली उपहार के रूप में दी जाती है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषण का प्रतिदिन सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मौसमी फलों व सब्जियों के सेवन से होने वाले पोषण लाभ के प्रति महिलाओं को जागरूक भी किया जाता है। महिलाओं के परिजनों को घरों में पोषण वाटिका का निर्माण कराने की सलाह दी जाती है । कुल मिलाकर गर्भवती महिलाओं के साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु के विकास की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है। उक्त बातें जिला पोषण समन्वयक अंशु कुमारी ने सोमवार को बताया।अंशु कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के तहत आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन व पंजीकरण गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में ही किया जाना आवश्यक है। इसके बाद ही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना,जननी सुरक्षा योजना,मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड आदि योजनाओं का लाभ दिया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिका एवं सेविकाओं के द्वारा भी इस बारे में भी जानकारी दी जाती है। अंशु ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केद्रों पर आज गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिला पोषण समन्वयक अंशु ने खुद जिले के 4 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर खुद अपने हाथों से गर्भवती महिलाओं को पोषण की थाली दी।
महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत :
गोदभराई दिवस के मौके पर जिला पोषण समन्वयक अंशु ने लाहेरी टोला के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 19, 20 एवम् 22 तथा मस्जिद चौक के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या – 18 पर सोमवार को अपनी देख – रेख़ में गोदभराई रस्म का आयोजन करवाया। अंशु ने अपने हाथों से गर्भवती महिलाओं को पोषण की थाली देकर केंद्र पर मौजूद गर्भवतियों से अपील करते हुए कहा कि गर्भावस्था में महिला को कैल्सियम का ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर चिकित्सकों से जांच कराते रहना चाहिए। सभी महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है। पोषण की कमी होने से महिला में खून की कमी हो जाती और वह कुपोषण की शिकार हो जाती है।
बेहतर पोषण एक स्वस्थ्य बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता:
माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर पोषण एक स्वस्थ्य बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है। गर्भ के दौरान शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है। इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को मासिक पौष्टिक आहार वितरित किया जाता है।
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