अररिया(बिहार)स्वस्थ व सेहतमंद ज़िंदगी के लिये लोगों को उचित व पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है। शरीर की आहार संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये पोषण युक्त उचित खान-पान को जीवन में शामिल करना जरूरी है। नियमित शारीरिक गतिविधियों के साथ उचित व संतुलित आहार अच्छे स्वास्थ्य का आधार है। खराब पोषण से शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम होने लगती है। वैश्विक महामारी के इस दौर में शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अररिया सदर अस्पताल के एनआरसी में कार्यरत फूड डेमोंसट्रेटर इंद्राणु भारती के मुताबिक खान-पान से जुड़ी हमारी आदतें बहुत से रोगों से हमारा बचाव करने में मददगार होती है। इसलिये संक्रमण के मुश्किल दौर में हमें अपने खान-पान से जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
दैनिक खान-पान में प्रोटीनयुक्त आहार को दें प्राथमिकता:
शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास के लिये काढ़ा का सेवन उपयोगी है। सुबह में हल्के गुनगुने पानी में नींबू का रस, शहद, हल्दी व सीया सीड मिलाकर कर पीना लाभकारी है। सीया सीड के बारे में उन्होंने बताया कि तुलसी का पौधा कई मायनों में हमारे लिये उपयोगी है। सीया सीड में तुलसी के बीज की प्रचुरता होती है। जो एंटी बैक्टेरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुणों से भरपूर होता है। सुबह का नाश्ता हल्का होना चाहिये। इसमें दलिया, पोहा, चपाती, ब्रेड का सेवन किया जा सकता है। नाश्ता व खाना के बीच किसी फल का उपयोग लाभकारी है। दोपहर के भोजन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को ज्यादा शामिल किया जाना चाहिये। इसमें हल्का चावल के साथ दाल, राजमा, सोयाबीन, हरी सब्जी व सलाद की प्रचुरता होनी चाहिये। फिर रात में हल्का खाना को प्राथमिकता दें।
तैलीय व मसालेदार खानों से करें परहेज:
फूड डेमोंसट्रेटर इंद्राणु भारती दैनिक आहार में ज्यादा तैलीय व मसालेदार चीजों से परहेज करने की सलाह देती हैं। उन्होंने कहा अगर आप मांस-मछली के शौकीन हैं तो इसमें तेल और मसालों के ज्यादा प्रयोग से बचें। महामारी के इस दौर में शाकाहारी भोजन प्राथमिकता देने की बात उन्होंने कही। उन्होंने कहा आपके खाने में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन होना चाहिये। आहार में मौसमी फल को शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खायें। आंवला, नींबू, संतरा व ड्राइ फ्रूट जिसमें नेचुरल शुगर होता है। इसे प्राथमिकता के आधार में आहार में शामिल करना जरूरी है।
योगासन व प्राणायाम है महत्वपूर्ण :
कोरोना संक्रमण लोगों के फेफडे को ज्यादा प्रभावित करता है। लिहाजा इसकी सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। ब्रीथिंग इक्सरसाइज खास कर योग व प्राणायाम को फेफडों की बेहतर सेहत के लिये महत्वपूर्ण माना गया है। प्राणायाम से स्वांस नली स्वस्थ रहती है। लेकिन संक्रमित होने या संक्रमण के तुरंत बाद बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के बगैर इसका अभ्यास करने से परहेज करने की बात उन्होंने कही।
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