एक अगस्त को खेड़वा मां काली स्थान पर उमड़ेगा भक्तों का जनसैलाब
भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड के खेड़वा गांव में स्थित मां काली का शक्ति पीठ जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है। यहां सालभर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवार और शुक्रवार को भक्त विशेष रूप से मां की आराधना कर परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं।

स्थानीय मान्यता है कि जब मां थावे भवानी, भक्त रहशु भगत की पुकार पर थावे जा रही थीं, तब रास्ते में खेड़वा में रुकी थीं। तभी से यहां मां काली की पूजा होती आ रही है। आसपास के दर्जनों गांवों के लोग यहां आकर मां की आराधना करते हैं। पूजा कब से हो रही है, इसका कोई प्रमाण नहीं है। शांत वातावरण में स्थित यह स्थान पीपल के पेड़ की छांव में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति देता है।

श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मां काली हर मुराद पूरी करती हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी इच्छा पूरी होती है। जो भक्त एक बार मुराद पूरी होने पर यहां आता है, वह सालभर मां की पूजा करता रहता है।
सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को यहां श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगता है। इस दिन सीवान, सारण, गोपालगंज, बेतिया, मोतिहारी के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलिया और पश्चिम बंगाल से भी श्रद्धालु मां की पूजा करने पहुंचते हैं। इस दिन पशु बलि की परंपरा भी निभाई जाती है। बलि के बाद प्रसाद का वितरण होता है।
सावन शुरू होते ही मां काली स्थान की सफाई और रंग-रोगन का काम शुरू हो जाता है। परिसर में लाइट और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है। पुजारी रामधार पर्वत ने बताया कि सावन के दूसरे सप्ताह से तैयारी शुरू हो जाती है। सप्तमी या अष्टमी तिथि को पूजा होती है। यह परंपरा कई सौ वर्षों से चली आ रही है।
इस वर्ष एक अगस्त को विशाल मेला का आयोजन होगा। इसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। मेले में मौत का कुआं, झूला, मीना बाजार, ट्रैक झूला, जलपान और खिलौनों की दुकानें सजती हैं। स्थानीय कस्टम की दुकानें भी लगती हैं। इससे लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिलता है।

