मोतिहारी(बिहार)महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र द्वारा पं. राजकुमार शुक्ल सभागार में चित्रकला कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा एवं प्रति-कुलपति प्रो. जी. गोपाल रेड्डी के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में आयोजित था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्व के तेज एवं निपुण चित्रकार परमवीर शाह के उपस्थित में किया गया। इन्होंने कहा कि कला तो हम सभी के अंदर समाहित हैं, बस उसे उकेरने की आवश्यकता हैं। श्री शाह ने चित्रकारी के कई सारे गूढ़ रहस्य बताएं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कूची पकड़ने का तरीका मालूम चल जाए तो हमें पेंटिंग करना बहुत ही आसान हो जाएगा। चित्रकारी करने की कई सारे ट्रिक भी बताएं। उन्होंने कहा कि सात-आठ सामान्य शेप से दुनिया के किसी भी पक्षी को बनाया जा सकता है। हमारे अंदर विद्यमान माइंड के कांसनेंस को समझाते हुए उन्होंने कहा कि प्रातः चार से छः बजे तक का समय अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस समय हमारी ब्रेन अधिक तेज होती है। इस समय पढ़ी गई बातें कभी भी याद आ जाती है।
बुरी आदतों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी किसी बात को 100% याद नहीं रख सकता। वह 98% बाते भूल जाता है। साथ ही बताया कि जापान कैसे उड़ीसा से 5 रुपया किलो लोहा खरीद कर और उससे वह पिस्टल बनाकर हमें 5000 रुपया में बेचता है। उन्होंने यह भी बताया कि मनोवैज्ञानिक छोटे-छोटे बच्चों का ईलाज कोल्ड रंग से करते हैं। इससे बच्चों के चिड़चिड़ापन जैसी बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। आप ब्लू और हरा रंग के बीच रहते हैं तो आपका आचरण शांत होगा। साथ ही रंग का महत्व विभिन्न देश के लिए अलग-अलग होते हैं। जैसे काला रंग भारत के लिए अशुभ है, लेकिन काला चाइना के लिए शुभ है।
बच्चे को शुरू से चित्रकारी करने के प्रति लगाव होता है।लेकिन सही शिक्षक नहीं मिल पाने के कारण उनका लगाव छूट जाता है। बस जरुरत है उनलोगों का मनोबल और उत्साह बढ़ाने का।
अपने चित्रकला का प्रदर्शन करते हुए परमवीर शाह ने विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. आनंद प्रकाश एवं मीडिया अध्ययन विभाग की एम. ए. प्रथम वर्ष की छात्रा का पोट्रेट चित्र भी बनाया।
कार्यक्रम के अंत में चित्रकार परमवीर शाह को बुके एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर प्रो. आनंद प्रकाश एवं प्रो. राजेन्द्र सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। श्री शाह से मीडिया अध्ययन विभाग के छात्र अमृत राज एवं छात्रा अंकिता कुमारी, रश्मि पांडेय, आस्था रानी आदि ने चित्रकला से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण सवाल किए।
कार्यक्रम आयोजन में लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र के प्रो. राजेन्द्र सिंह, आयोजक समिति के सदस्य प्रो. प्रसून दत्त सिंह, प्रो. प्रणवीर सिंह, प्रो. अजय कुमार गुप्ता, प्रो. अन्तरतरण पाल, कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अंजनी कुमार झा,मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. सुनील दीपक घोड़के, डॉ. कुंदन किशोर रजक, डॉ. स्वाति कुमारी, डॉ बबिता मिश्रा, डॉ. श्वेता आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही इसमें विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के शिक्षकगण, शोधार्थी और एमजेएमसी व बीजेएमसी के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।
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