सहरसा में मलेरिया रोगियों की खोज,जांच,उपचार तथा बचाव आधारित रहा प्रशिक्षण:
सहरसा(बिहार)जिले को मलेरिया मुक्त करने के लिए रोगियों की खोज,जांच,उपचार तथा बचाव संबंधी एक दिवसीय प्रशिक्षण आशा कार्यकर्त्ताओं को दिया गया। प्रभारी सिविल सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गैर संचारी रोग डा. किशोर कुमार मधुप की उपस्थिति में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार,जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजेश कुमार के द्वारा डी.ई.आई.सी. भवन में यह प्रशिक्षण दिया गया।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संवाद स्थापित करने में आशा की भूमिका अहम:
प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार ने बताया सभी प्रकार के वेक्टर जनित रोग (कालाजार, मलेरिया,जे॰ई॰,मस्तिष्क ज्वर,डेंगू एवं चिकनगुनिया) मानव जीवन के लिए घातक है।बिहार में कुल 38 जिले हैं तथा सभी जिलों मे कोई न कोई वेक्टर जनित रोग अपनी जड़ जमाये हुए है।आशा गाँव समाज की वह महत्वपूर्ण सदस्य है,जिनके ऊपर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा संबंधी जानकारी बात-चीत के माध्यम से देने की एक अतिमहत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। वेक्टर जनित रोग के उपचार एवं रोकथाम में भी स्वास्थ्य संवाद की अपनी एक महत्वपूणर् भूमिका सदैव रही है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आशा कार्यकर्त्ताओं को सरल, सहज एवं सुगम भाषा में वेक्टर जनित रोगों के बारे में बताया जाय ताकि सामान्य बोल-चाल की भाषा में सामने वाले व्यक्ति को तथा सामुदायिक स्तर पर चर्चा के दौरान उक्त जानकारी इनके द्वारा जन-जन तक पहुँचायी जा सके। तभी हमारा प्रदेश वेक्टर जनित रोगों से मुक्त प्रदेश के लक्ष्य को पाने में सफल हो सकेगा।
कोई भी हो सकते हैं इसका शिकार:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया संक्रमित मादा एनोफिल मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी को मलेरिया कहते हैं। यह एक प्रकार का बुखार है जिसमें प्रतिदिन या एक दिन का अंतर देकर या चौथे दिन बुखार हो सकता है। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर खून जांच कराने एवं मलेरिया रोग निकलने पर चिकित्सक की सलाह अनुरूप दवाओं की पूरी खुराक का सेवन करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में यह निःशुल्क उपलब्ध है। मलेरिया बुखार किसी भी व्यक्ति, महिला या बच्चे को हो सकता है तथा यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। उन्होंने बताया मलेरिया फैलाने वाले ये मच्छर किसी भी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी के साथ-साथ धीमी गति से बहने वाली नालियों के पानी में अपने अण्डे देती है।
क्या हैं बचाव के उपाय:
मलेरिया न होने पाये इसके लिए जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, घर के आस-पास बने जल जमाव वाले जगहों को मिट्टी से भर दें। वहीं जल जमाव वाले स्थानों पर पानी में मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें। अपने घरों के आस-पास बहने वाली नालियों को बराबर साफ करते रहें। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों मे सरकार के द्वारा मच्छरों पर नियंत्रण पाने के लिए डी.डी.टी. का छिड़काव कराया जाता है।
बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…
2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…
भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…
सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…
On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…
20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…
Leave a Comment