Home

गुणवत्तापरक मौलिक शोध के लिए निज भाषा महत्त्वपूर्ण: प्रो. टंकेश्वर कुमार

हकेवि में भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की हुई शुरूआत

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में मंगलवार 29 नवम्बर को भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संपोषित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। भारतीय भाषाओं में शोध एवं अकादमिक लेखन विषय पर केंद्रित इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि गुणवत्तापरक शोध के लिए निज भाषा का उपयोग महत्त्वपूर्ण है। कुलपति ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विशेष रूप से मातृभाषा में शिक्षा की पक्षधर है और अवश्य ही भारतीय भाषा समिति के सहयोग से विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यशाला इस दिशा में जारी प्रयासों को बल प्रदान करेगी।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रमुख रूप से विषय विशेषज्ञ के रूप में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. विजय दत्त शर्मा ने विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व में कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। विश्वविद्यालय में शिक्षा पीठ की अधिष्ठाता व कार्यशाला की संयोजक प्रो. सारिका शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और तीन दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला के विभिन्न सत्रों व उसमें उपस्थित रहने वाले विशेषज्ञों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भाषा ही वह माध्यम है जो कि किसी भी देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय भाषाओं में शोध के पीछे का उद्देश्य यही है कि हम अपने ज्ञान को विस्तृत रूप से प्रसारित कर सकें। आदमी जिस भाषा में सोचता है उसी में विचारों की अभिव्यक्ति सदैव ही उपयोगी साबित होती है। यदि दस विकसित देशों के नाम सामने रखें तो इनमें नौ ऐसे देश होंगे जोकि अपनी ही भाषा को अपनाकर आगे बढ़े हैं। कुलपति ने मौलिक शोध के लिए भाषा के महत्त्व का उल्लेख करते हुए निज भाषा के प्रयोग पर जोर दिया।
आयोजन के पहले दिन डॉ. विजय दत्त शर्मा के पश्चात द्वितीय सत्र में जम्मू विश्वविद्यालय के डॉ. जसपाल सिंह ने उच्च शिक्षा के स्तर में भारतीय भाषाओं में शोध प्रविधियों एवं शिक्षण के सम्मुख आने वाली चुनौतियों के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। इसी क्रम में तीसरे सत्र में डॉ. बाबू राम, पूर्व प्रोफेसर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय ने निवासी भारतीय भाषाओं में ज्ञानसर्जन के अवसर और चौथे सत्र में डॉ. जगदीश प्रसाद ने भारतीय भाषाओं के शोध अंतर्जाल की उपयोगिता विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मंच का संचालन शिक्षा पीठ के प्रो. नंद किशोर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. आरती यादव ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता, प्रो. दिनेश चहल, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. गौरव, प्रो. रविंद्रपाल अहलावत सहित भारी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

4 weeks ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago