पीएम मोदी ने 5,400 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास
गोरखपुर:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि दुर्गापुर इस्पात नगरी के साथ-साथ श्रमशक्ति का भी बड़ा केंद्र है। आज की परियोजनाएं इस क्षेत्र की पहचान को और मजबूत करेंगी। इससे संपर्क बेहतर होगा, गैस आधारित परिवहन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगी। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के विकास की चर्चा कर रही है। यह बदलाव बुनियादी ढांचे के कारण संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि देश में अब तक 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर, करोड़ों शौचालय, 12 करोड़ से अधिक नल कनेक्शन, हजारों किलोमीटर सड़कें, नई रेल लाइनें, छोटे शहरों में हवाई अड्डे और हर गांव तक इंटरनेट पहुंचाया गया है। इसका लाभ पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में रेल संपर्क में बड़ी प्रगति हुई है। राज्य में वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ी है। कोलकाता मेट्रो का विस्तार हो रहा है। नई रेल लाइनों का दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो रहा है। कई रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। बड़ी संख्या में ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। आज दो और ओवरब्रिज का उद्घाटन किया गया। इससे लोगों का जीवन आसान होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि दुर्गापुर का हवाई अड्डा उड़ान योजना से जुड़ चुका है। पिछले साल 5 लाख से ज्यादा यात्रियों ने इसका लाभ लिया। इससे सुविधा बढ़ी है और हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इन परियोजनाओं में इस्तेमाल हो रहे कच्चे माल से भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में गैस कनेक्टिविटी में बड़ी प्रगति हुई है। एलपीजी अब देश के हर घर तक पहुंच चुकी है। सरकार ने ‘वन नेशन, वन गैस ग्रिड’ और ऊर्जा गंगा योजना पर काम किया है। इसके तहत पश्चिम बंगाल सहित छह राज्यों में गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इससे उद्योगों और रसोई तक सस्ती गैस पहुंचेगी। वाहन सीएनजी से चलेंगे। उद्योग गैस आधारित तकनीक अपनाएंगे। दुर्गापुर अब राष्ट्रीय गैस ग्रिड का हिस्सा बन गया है। इससे लगभग 30 लाख घरों तक पाइप से गैस पहुंचेगी। इससे खासकर महिलाओं का जीवन आसान होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि दुर्गापुर और रघुनाथपुर के इस्पात और विद्युत संयंत्रों को नई तकनीक से उन्नत किया गया है। इसमें 1,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। अब ये संयंत्र अधिक कुशल और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं। उन्होंने बंगाल के लोगों को इन परियोजनाओं के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। इसके लिए सरकार का रास्ता है—विकास से सशक्तिकरण, रोजगार से आत्मनिर्भरता और संवेदनशीलता से सुशासन। उन्होंने कहा कि इन मूल्यों के साथ पश्चिम बंगाल को भारत की विकास यात्रा का मजबूत इंजन बनाया जाएगा।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, शांतनु ठाकुर और डॉ. सुकांत मजूमदार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने तेल, गैस, बिजली, सड़क और रेल से जुड़ी कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने बांकुड़ा और पुरुलिया में 1,950 करोड़ रुपये की लागत वाली बीपीसीएल की सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी। इससे घरों, दुकानों और उद्योगों को पीएनजी और सीएनजी मिलेगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने दुर्गापुर-कोलकाता गैस पाइपलाइन (132 किलोमीटर) को राष्ट्र को समर्पित किया। यह पीएम ऊर्जा गंगा योजना का हिस्सा है। 1,190 करोड़ रुपये की लागत वाली यह पाइपलाइन पुरबा बर्धमान, हुगली और नादिया जिलों से होकर गुजरती है। इससे लाखों घरों को गैस मिलेगी और रोजगार भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने 1,457 करोड़ रुपये की लागत से दुर्गापुर इस्पात ताप विद्युत केंद्र और रघुनाथपुर ताप विद्युत केंद्र की प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली (एफजीडी) को राष्ट्र को समर्पित किया। इससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन (36 किलोमीटर) के दोहरीकरण कार्य को राष्ट्र को समर्पित किया। इसकी लागत 390 करोड़ रुपये है। इससे जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद के उद्योगों को रांची और कोलकाता से बेहतर रेल संपर्क मिलेगा। मालगाड़ियों की आवाजाही तेज होगी। यात्रा समय घटेगा। लॉजिस्टिक्स सुविधा बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बर्धमान के तोपसी और पांडबेश्वर में 380 करोड़ रुपये की लागत से बने दो सड़क ओवरब्रिज का उद्घाटन किया। इससे संपर्क सुविधा बढ़ेगी और रेलवे क्रॉसिंग पर हादसे रुकेंगे।