Home

प्रस्तावित वर्चुअल रैली नये राजनीतिक युग का संकेत


—————————————————————                     7 जून 2020 को अमित शाह की प्रस्तावित वर्चुअल रैली को भारतीय राजनीति के एक नये युग के आरम्भ के तौर पर देखा जा सकता है। भारत की राजनीतिक इतिहास की यह पहली रैली है जिसके लिए पार्टी को न तो किसी बड़े मैदान को आवंटित कराने की जरूरत रही है न ही वहाँ आलीशान मंच तैयार करने का झंझट ही रहा है। इस प्रकार की चुनावी रैली से अमित शाह ने एक ओर जहाँ करोना काल के विपरीत परिस्थिति में भी राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के लिए सरल मार्ग का चयन किया है वही दूसरी ओर पारंपरिक चुनावी रैलियों में खर्च होने वाले पैसे को बचा कर चुनावी बजट को कम करने का प्रयास भी किया है। भारत में होने वाली परंपरागत चुनावी रैलियों की एक बड़ी बजट होती है। स्थान का आवंटन, भव्य मंच के निर्माण, नेताओं के हेलिकॉप्टरों के आने – जाने, कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों की भारी भीड़ रैली स्थल पर इकट्ठा करने इत्यादि का बोझ रैली आयोजित करने वाली राजनीतिक दल पर होता है जिसमें एक बड़ी धनराशि खर्च होती है साथ ही समय और ऊर्जा का व्यय भी होता है। इस रैली में राजनीतिक दलों के समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को अपने नेताओं के अभिवादन करने और शक्ति प्रदर्शन करने के लिए रैली स्थल पर एकत्रित होने की जरूरत नहीं है। इस वर्चुअल रैली से पार्टी और आम लोगों के साथ साथ पुलिस प्रशासन को भी राहत मिलेगी । इस रैली में रैली स्थल पर समर्थकों के इकट्ठा होने की जरूरत नहीं रहने के कारण प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने , रैली स्थल तक जाने वाले रास्तों की चौकसी करने एवं रैली में शामिल होने वाले बड़े नेताओं को सुरक्षा प्रदान करने में अतिरिक्त ऊर्जा का व्यय करने की जरूरत नहीं होगी। परंपरागत रैलियों में शामिल होने के लिए जाने वाली और वापस आने वाली गाड़ियों के काफिलों के कारण सड़कों पर लगने वाली जाम से आम लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी इस जाम के कारण रोगियों को ले जाने वाले एम्बुलेंस को भी घंटों जाम में फसे रहना पड़ता है। वर्चुअल रैली के आयोजन से इन सारी समस्याओं का अंत होता दिख रहा है। पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं  समर्थकों को इस वर्चुअल रैली का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इस रैली में उन्हें अपने नेताओं को सुनने के लिए रैली स्थल तक जाकर तपती धूप या कपकपाती  ठंड में घंटों खड़े रहना नहीं पड़ेगा। इस रैली में वो अपने घरों में रहकर या अपने पसंदीदा स्थान से भी अपने नेता को सुन सकेंगे। वर्चुअल रैली में भाग लेने वाले नेताओं को भी रैली स्थल तक जाने के लिए दूसरे शहरों की अतिरिक्त यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।           

         पारंपरिक रैलियों में भीड़ इकट्ठा करने के लिए राजनीतिक दलों को कई  हाथकण्डे अपनाने पड़ते हैं। इसके लिए गरीब और अशिक्षित लोगों को कई प्रकार के प्रलोभन देकर बसों और गाड़ियों में भर कर रैली स्थल तक पहुँचाया जाता है और इस भीड़ को दिखाकर अपनी पार्टी का शक्ति प्रदर्शन किया जाता है एवं रैली की सफलता के दावे किए जाते हैं। अब ये देखना भी दिलचस्प होगा कि वर्चुअल रैली को अपनाने के बाद  राजनीतिक दल अपने व्यूअर बढाने के लिए कौन – कौन से कायदे को अपनाते हैं ।

             अमित शाह की ये वर्चुअल रैली राजनीतिक दृष्टिकोण से कितनी सफल होगी ये तो इसके आयोजन के बाद ही उजागर हो पाएगा परंतु इसके अन्य फायदे तो होने बिलकुल तय हैं और इन फायदों को देखते हुए भारत के हर राजनीतिक दल को जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पारंपरिक रैलियों की अपेक्षा वर्चुअल रैलियों का ही आयोजन करना चाहिए ताकि इन पारंपरिक चुनावी रैलियों में खर्च होने वाला देश का धन और ऊर्जा की बचत हो सके।
                                   (ये लेखक सुनिता कुमारी ‘ गुंजन सहायक प्रोफेसर का निजी विचार है। गौरीकिरण को कोई मतलब नहीं है।)
                                           
                                 

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

बिहार में राजद की बनेगी सरकार : मुरारी दास त्यागी

अयोध्या : बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद की सरकार बनेगी। सरकार बनने…

1 day ago

जिला स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में माघर विद्यालय की छात्राओं नें परचम लहराय

भगवानपुर हाट(सीवान)जिला स्तरीय वार्षिक विद्यालय खेल- कुद प्रतियोगिता 2025-26 का आयोजन जवाहर नवोदय विद्यालय सीवान…

2 days ago

लकड़ी नवीगंज पुलिस की कार्रवाई से शराब के धंधेबाजों में दहशत

लकड़ी नवीगंज(सीवान)थाना क्षेत्र के कपड़ीपुर मुसहर टोली में थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार के नेतृत्व में…

2 days ago

सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी के तहत साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान का सफल आयोजन

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के सुघरी स्थित राजेंद्र किशोरी बीएड कॉलेज सुघरी में गुरुवार को केंद्रीय…

2 days ago

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गजनफर अब्बास उर्फ़ नन्हें खां के चेहल्लुम में शामिल हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के ब्रह्मास्थान निवासी वरिष्ठ कांग्रेस नेता गजनफर अब्बास उर्फ़ नन्हें खां के…

2 weeks ago

राजश्री डेयरी के प्रथम वर्षगांठ पर पशुपालकों के बीच जार का वितरण

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के महमदपुर गांव स्थित राजश्री डेयरी प्रोडक्ट के पहले वर्षगांठ पर पशुपालकों…

2 weeks ago