Categories: Home

कालाजार उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से मिलेगी कालाजार से मुक्ति

कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर निजी चिकित्सकों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
पंद्रह दिनों तक लगातार बुखार होने के बाद सरकारी अस्पतालों में जाकर कराये जांच
कालाजार से मुक्ति के लिए निजी चिकित्सक हर संभव सहयोग के लिए तैयार

पूर्णिया(बिहार)सदर अस्पताल स्थित ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के सभागार में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर सिविल सर्जन के दिशा-निर्देश के आलोक में आईएमए के चिकित्सकों के साथ एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आईएमए से जुड़े शहर के सभी निजी चिकित्सकों से अपील की गयी कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले कालाजार के मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करने की जरूरत है। कालाजार मरीजों की पहचान में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। ताकि वर्ष 2021 तक कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा हासिल किया जा सके। कालाजार उन्मूलन के लिए जिले में अभियान की शुरुआत कर दी गई हैं। कालाजार बीमारी से बचने के लिए विगत 04 मार्च से छिड़काव कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में शहर के निजी चिकित्सकों की भूमिका काफ़ी अहम है। इस कार्यशाला में ज़िला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला सचिव सह प्रख्यात सर्जन डॉ ख़्वाजा नसीम अहमद, ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र दास, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ ए अहद, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के जोनल समन्वयक डॉ दिलीप कुमार झा, शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमरेंद्र झा, पीसीआई के आरएमसी गौरव किशन सहित दर्जनों की संख्या में निजी चिकित्सकों ने भाग लिया।

जन-जागरूकता व सामुहिक सहभागिता से कालाजार से मिलेगी मुक्ति: डीएमओ
डीएमओ डॉ आरपी मंडल ने कार्यशाला के दौरान आईएमए के चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा निजी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों को कालाजार बचाव से संबंधित सलाह देने के साथ ही उपचार के संबंध में भी उन्हें विस्तृत रूप से जानकारी दें। क्योंकि कालाजार समाज के लिए काली स्याह की तरह है। इस बीमारी को जन- जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से ही मुक्त किया जा सकता है। आगे बताया कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर नजदीक के अस्पताल में जाकर अविलंब जांच कराना अति आवश्यक है। वर्तमान में जिला में कालाजार के मरीज़ों की संख्या मात्र 04 रह गई है। ज़िले के 333 आक्रांत गांवों में 81 भ्रमणशील टीम के द्वारा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव 05 मार्च से 27 मई तक किया जा रहा है। क्योंकि कालाजार से बचने के लिए इससे बेहतर कोई भी विकल्प ही नहीं है। इसके साथ ही बचाव के लिए हम सभी को सतर्क रहना जरूरी है।

पंद्रह दिनों तक लगातार बुखार होने के बाद सरकारी अस्पतालों में जाकर कराये जांच: डॉ दिलीप झा
डब्ल्यूएचओ के जोनल समन्वयक डॉ दिलीप कुमार झा ने बताया कालाजार रोग लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। इसका चक्र मनुष्य और बालू मक्खी पर निर्भर करता है। यह परजीवी मनुष्य तथा बालू मक्खी में ही जीवित रहता है। कालाजार की मक्खी नमी एवं अंधेरे स्थानों पर ज्यदा पनपती है। मुख्य रूप से कालाजार तीन तरह के होते हैं। वीएल कालाजार, वीएल प्लस एचआइवी और पीकेडीएल हैं। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में होने मात्र से नजदीकी के सरकारी अस्पतालों में तुरंत जाकर जांच कराना अति आवश्यक है। क्योंकि सदर अस्पताल में इसका समुचित इलाज संभव है। इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इससे जुड़ी हुई समुचित उपचार की व्यवस्था है।

कालाजार से मुक्ति के लिए निजी चिकित्सक हर संभव सहयोग के लिए तैयार: आईएमए
डॉ ख्वाजा नसीम अहमद ने निजी चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा अपने पूर्णिया ज़िले को कालाजार जैसी संक्रमित बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही केयर इंडिया की टीम लगातार कार्य कर रही है। इनलोगों के द्वारा ज़िले के झुग्गी झोपड़ी व महादलित बस्तियों में रहने वाले लोगों को कालाजार से बचाव के लिए प्रचार प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। वहीं वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना संक्रमण के अलावा कालाजार से बचाव के लिए हमलोगों को गर्मी के दिनों में बहुत ज़्यादा सतर्कता बरतनी होगी। इसके लिए हमलोगों को अपने-अपने घरों में सफ़ाई को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि यह भी फैलने वाली संक्रामक जैसी ही बीमारी होती है। जो कि गर्मी के दिनों में बालू मक्खी के काटने से होती है।

कालाजार के मरीजों को मिलती है श्रम क्षतिपूर्ति:
कालाजार से पीड़ित रोगियों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। लेकिन यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार के रोगियों को ही दी जाती हैं। वहीं आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के रोगियों को अस्पताल तक लाने के लिए प्रोत्साहन राशि 100 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान किया जाता है। कालाजार मरीजों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। क्योंकि पीएचसी स्तर पर भर्ती होने वाले मरीजों को वहां के एमओआईसी द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

बिहार में राजद की बनेगी सरकार : मुरारी दास त्यागी

अयोध्या : बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद की सरकार बनेगी। सरकार बनने…

4 days ago

जिला स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में माघर विद्यालय की छात्राओं नें परचम लहराय

भगवानपुर हाट(सीवान)जिला स्तरीय वार्षिक विद्यालय खेल- कुद प्रतियोगिता 2025-26 का आयोजन जवाहर नवोदय विद्यालय सीवान…

5 days ago

लकड़ी नवीगंज पुलिस की कार्रवाई से शराब के धंधेबाजों में दहशत

लकड़ी नवीगंज(सीवान)थाना क्षेत्र के कपड़ीपुर मुसहर टोली में थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार के नेतृत्व में…

5 days ago

सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी के तहत साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान का सफल आयोजन

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के सुघरी स्थित राजेंद्र किशोरी बीएड कॉलेज सुघरी में गुरुवार को केंद्रीय…

5 days ago

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गजनफर अब्बास उर्फ़ नन्हें खां के चेहल्लुम में शामिल हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के ब्रह्मास्थान निवासी वरिष्ठ कांग्रेस नेता गजनफर अब्बास उर्फ़ नन्हें खां के…

2 weeks ago

राजश्री डेयरी के प्रथम वर्षगांठ पर पशुपालकों के बीच जार का वितरण

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के महमदपुर गांव स्थित राजश्री डेयरी प्रोडक्ट के पहले वर्षगांठ पर पशुपालकों…

3 weeks ago