टेलीमेडिसिन सेवाओं को जनांदोलन के रूप में कार्य करने की जरूरत:
उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को किया गया सम्मानित:
पूर्णिया(बिहार)जिले के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में हर तरह की सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। उक्त बातें डीएम कुंदन कुमार ने समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित जिलास्तरीय समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही।इस अवसर जिला उपविकास आयुक्त साहिला, सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी, आईसीडीएस की डीपीओ राखी कुमारी, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास के अलावा जिलास्तरीय सभी विभागों के नोडल अधिकारी और जिले के सभी एमओआईसी, एचएम, बीएचएम, बीसीएम सहित आईसीडीएस की सीडीपीओ और कर्मी भी उपस्थित थे।
संस्थागत प्रसव, एएनसी और टीकाकरण में पूर्णिया जिला का राज्य में पहला स्थान:डीएम
डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि संस्थागत प्रसव, बच्चों के टीकाकरण जैसे – बीसीजी और ओपीवी और त्रैमासिक में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के पंजीकरण के मामले में पूर्णिया जिला ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कहा कि अभी भी कुछ विभागों में सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सभी की पहली प्राथमिकताओं में शामिल करना बेहद जरूरी है। क्योंकि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्थानीय क्षेत्र की जनता को हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। बेहतरीन सुविधा एवं व्यवस्था प्रदान करने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं।
टेलीमेडिसिन सेवाओं को जनांदोलन के रूप में कार्य करने की जरूरत:डीएम
डीएम को टेलीमेडिसिन सेवाओं के संबंध में जिला योजना समन्वयक सुधांशु शेखर ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में 472 स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 461 स्पोक में 417 केंद्रों के माध्यम से टेलीमेडिसिन की सेवाएं दी जाती हैं। जिसमें मार्च में 7484, अप्रैल में 14170, मई में 29799, जून में 26659, जुलाई में 26743, अगस्त में 30473, सितंबर में 24415 जबकि अक्टूबर महीने में 17772 टेलीमेडिसिन की सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), स्टाफ नर्स और एएनएम के द्वारा ऑनलाइन विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से उपलब्ध करायी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्यक्रम को जनांदोलन के रूप में लेकर कार्य करने की जरूरत है। क्योंकि बहुत ही जल्द पंचायत सरकार भवन स्तर पर टेलीमेडिसिन की सुविधाएं बहाल होंगी।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को किया गया सम्मानित:
वहीं जिले के चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से चिकित्सा सेवा मुहैया कराने में कसबा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नीतू कुमारी को प्रथम, डगरूआ की डॉ गजाला यास्मीन को द्वितीय जबकि पूर्णिया सिटी स्थित यूपीएचसी के एमओआईसी (आयुष) डॉ. आरपी सिंह को तृतीय पुरस्कार से जिलाधिकारी कुंदन कुमार और डीडीसी साहिला के द्वारा समाहरणालय सभागार में सम्मानित किया गया। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दंत चिकित्सको के द्वारा जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सितंबर महीने में जिले के सरकारी अस्पतालों में 8464 संस्थागत प्रसव कराया गया है। जबकि शहर के 74 निजी अस्पतालों में से 62 नर्सिंग होम के संचालकों द्वारा 1014 प्रसव की जानकारी दी गई है। शेष बचे 12 निजी नर्सिंग होम संचालकों के द्वारा सूचना उपलब्ध नही कराई गई है।
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