मामूली शल्य प्रक्रिया के तहत कराया जाता है पुरुष नसबंदी: सिविल सर्जन
पुरूष नसबंदी कराने से पौरुषता में कोई कमी नहीं आती: डीपीएम
पूर्णिया(बिहार)पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई तरह का भ्रम फैलाया जाता है। लेकिन इस भ्रम को तोड़ते हुए “छोटा परिवार सुखी परिवार” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए पुरुष वर्ग को आगे आने की आवश्यकता है। उक्त बातें प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आरपी मंडल ने कही। जिले में 14 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले मिशन परिवार विकास अभियान को लेकर जीएमसीएच परिसर के एएनएम स्कूल सभागार में आयोजित पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान एक दिवसीय कार्यशाला में वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया द्वारा बहुत ही कम समय में किया जाता है। इसके लिए सीमित संसाधन, बुनियादी ढांचा एवं देखभाल की आवश्यकता पड़ती है।
पुरूष नसबंदी कराने से पौरुषता में कोई कमी नहीं आती: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए ज़िलें के सभी प्रखंडों को परिवार नियोजन से संबंधित स्थायी तौर पर सुविधाओं का लाभ देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। महिलाओं के लिए बंध्याकरण एवं पुरुषों के लिए पुरुष नसबंदी की सुविधा दी जानी है। इसके लिए सभी प्रखंडों को पूरे पखवाड़े के दौरान अधिक से अधिक महिला बंध्याकरण के अलावा पुरुष नसबंदी कराने का भी लक्ष्य दिया गया है। महिला बंध्याकरण की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सहज एवं सुलभ होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे पुरुषों की पौरुषता में भी कोई कमी नहीं आती है।
गर्भनिरोधक संसाधनों के वितरण के दौरान विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता: डीसीएम
डीसीएम संजय कुमार दिनकर ने कहा कि जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भनिरोधक साधनों में कंडोम एवं गोलियों सहित कई संसाधनों के वितरण को लेकर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि परिवार नियोजन से संबंधित उपायों को अपनाने वाले लाभार्थियों को संकोच होता है। इसलिए अलग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंडोम या गर्भनिरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट की आपूर्ति की जाएगी। लाभार्थी बार-बार स्वास्थ्य केंद्र आने या एक से अधिक बार संपर्क करने से बच सकेंगे।
इस अवसर पर आइसीडीएस की डीपीओ राखी कुमारी, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, इपिडिमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, जीविका के डीपीएम सुनिर्मल, शहरी स्वास्थ्य केंद्र के सलाहकार मो दिलनवाज़, ज़िले के सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, बीएचम, बीसीएम, अस्पताल प्रबंधक, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक, डीपीएचओ सनत गुहा, सोमेन अधिकारी, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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