पटना(बिहार) सूबे के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार लगातार शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है।शिक्षकों की नियुक्ति जारी रहेगी। सातवें चरण में 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी।उक्त बात शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को बिहार विधानसभा में इसकी घोषणा की। सूबे के शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोर्ट की पेचीदगी के बावजूद हम लगातार नियुक्ति कर रहे हैं।प्राथमिक शिक्षकों के 41 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। अगले चरण में 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के 40 हजार पद और प्लस टू स्कूलों के लिए 6421 प्रधानाध्यापक के पद सृजित किये गये हैं। बीपीएससी के जरिये इनकी भर्ती की जायेगी
विपक्ष के वाकआउट के बीच सदन ने 39,191.87 करोड़ रुपये का शिक्षा विभाग का बजट पास कर दिया। विभाग के मंत्री ने सदन में एसटीइटी को लेकर स्पष्ट किया कि यह केवल पात्रता परीक्षा है। जिन लोगों ने यह परीक्षा पास कर ली है, वह अगले चरण की नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।मेरिट में आने पर उनकी नियुक्ति की जायेगी।एक हजार व्याख्याता व 19 हजार प्रशिक्षुओं के जरिये विद्यालयों को अकादमिक नेतृत्व दिया जायेगा।प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के तहत उच्च शिक्षा प्रणालियों का डिजिटलीकरण किया जायेगा। नालंदा खुला विश्वविद्यालय का आधुनिकीकरण होगा।
बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए दिया जाएगा कराटे का प्रशिक्षण
शिक्षक मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सूबे की सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम पर पैसा खर्च करेगी।सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को ग्रेड- 12 तक विस्तारित किया जायेगा।सात निश्चय पार्ट 2 के तहत मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत इंटर पास सभी अविवाहित छात्राओं को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की दर से डीबीटी के जरिये बैंक खाते में राशि उपलब्ध करायी जायेगी। महिला सशक्तीकरण एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मध्य विद्यालय की बालिकाओं को कराटे का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं
छात्रों के जोखिम को ध्यान में रखकर राज्य में पहली बार मांग पर परीक्षा (माध्यमिक- उच्च माध्यमिक) की शुरुआत की गयी है।इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रचार- प्रसार किया जायेगा।राज्य में पहली बार सरकार संस्था द्वारा ‘ अमानत ‘ की शुरुआत की गयी है।इसके तहत कौशल विकास से रोजगार का पात्र बनाया जायेगा।प्रथम संस्था के सहयोग से सभी जिलों में शिक्षा सेवकों के शिक्षण कौशल बेहतर बनाने के लिए ‘ कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं ‘ कार्यक्रम किया जायेगा।इसका महौल बनाने के लिए अक्षर मेला, समर कैंप, बारहमासा आदि का आयोजन होगा।
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