Categories: Home

सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने किया निरीक्षण

प्रसव कक्ष की देखभाल व गुणवत्ता में सुधार करना है लक्ष्य कार्यक्रम का उद्देश्य
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से प्रमाणीकरण के लिए भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडिकेटरों की होती हैं जांच:
सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता है मूल्यांकन:

किशनगंज(बिहार)स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों को जड़ से समाप्त करने तथा प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मानपूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य लक्ष्य है हैं। प्रसव से जुड़ी सेवाओं को पहले की अपेक्षा और बेहतर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए आरपीएम के अलावा ज़िला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा लगातार दौरा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। टीम के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अलोक में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मी संस्थागत व सुरक्षित प्रसव को लेकर पूरी तरह से सजग हैं। अस्पताल प्रशासन व केयर इंडिया की टीम के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।

प्रसव रूम एवं अन्य सुविधाओं की आरपीएम के नेतृत्व में गहन जांच: आरपीएम
सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण को आये क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों का बारीकी के साथ निरीक्षण किया गया। प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक फाइलों की गहन जांच की गयी। अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। लेबर रूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई। इसके लिए जीएनएम को बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह होता है कि प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए एसएनसीयू की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडिकेटरों की होती हैं जांच:
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफ़ी बढ़ोतरी हुई हैं क्योंकि लक्ष्य कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया है। लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण के लिए 362 मानकों (इंडिकेटर) की जांच की जाती है। जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कन्ट्रोल कॉंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल हैं । इन सभी आठों इंडिकेटर्स का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) इसके अलावा क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता और यह देखा जाता है कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा हैं या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है।

सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता हैं मूल्यांकन:
प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाना है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है तो वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी को श्रेणियों को प्रशस्ति-पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है।

इन मानकों पर तय किया जाता हैं पुरस्कार:
अस्पताल की आधारभूत संरचना
साफ-सफाई एवं स्वच्छता
जैविक कचरा निस्तारण
संक्रमण रोकथाम
अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago