किशनगंज(बिहार)जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में गुरुवार को सिविल सर्जन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने प्रखंडवार टीकाकरण, मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग,टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव एवं अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं की समीक्षा की।
बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। विदित हो कि जिले के सभी चिकित्सा केन्द्रों में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है।जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दी जा रही है।उन्होंने सभी प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्र से आए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकतानुसार दवा का उठाव सुनिश्चित करें। उन्होंने बजट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को खर्च हेतु दी गई राशि के खर्च की समीक्षा भी की।
परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर:
परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी( प्रसव उपरांत कॉपर-टी) की जानकारी दी गई। परिवार नियोजन के लिए आइयूसीडी( कॉपर-टी) सबसे उपयुक्त माध्यम है। चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी देने की भी बात बताई गयी।प्रशिक्षण में कर्मियों को इससे होने वाले लाभ व लगाने के दौराने बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया। यह जानकारी दी गयी कि आईयूसीडी लगाने के बाद महिलाओं के शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। महिलाएं चीर फाड़ के नाम पर बंध्याकरण से डरती हैं, उनके लिए आईयूसीडी बेहतर विकल्प है। सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व कभी भी आईयूसीडी को किसी सरकारी अस्पताल में लगवाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है वहीं इसके प्रयोग से सेहत को कोई नुकसान भी नहीं होता है।
स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनान हमारा कर्तव्य:
जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारु रूप से क्रियान्वयन करने के लिए सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया जिसमें सातो प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में समुचित बिजली की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का आदेश दिया गया। सिविल सर्जन ने कहा स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनान हमारा कर्तव्य है ताकि स्वास्थ्य सुविधा को ओर मजबूत किया जा सके।
कोविड-19 टीकाकरण सत्र स्थल पर होंगे सारे जरूरी इंतजाम:
समीक्षात्मक बैठक सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कोविड-19 के प्रथम चरण टीकाकरण के लिए स्थल का चयन किया गया है।राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त दिशा- निर्देश के शत- प्रतिशत अनुपालन को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से जरूरी प्रयास कर रहा है।इन प्रयासों की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने बताया वैक्सीन के रख-रखाव से लेकर, टीकाकरण सत्र स्थल के निर्धारण, टीकाकरण के लिये कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण व टीकाकरण की संपूर्ण प्रक्रिया का अनुश्रवण एवं इसकी समीक्षा व रिपोर्टिंग के लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे।टीकाकरण के लिए प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।प्रथम चरण में टीकाकृत होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की डेटा भी एंट्री हो गई है।सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने आम नागरिकों के टीकाकरण के लिए भी सभी सुविधाओं को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है.साथ ही आगामी राष्टीय पल्स पोलियो कार्यक्रम के तहत 17 से 21 जनवरी तक बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। उनके अनुसार इसका माइक्रोप्लान एवं लक्षित बच्चों को लाभान्वित करने के बारे में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकार को निर्देशित किया गया है ।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. रफत हुसैन, डॉ. कौशल किशोर, अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन, जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ. मुनाज़िम, जिला कार्यक्रम समन्वयक विश्वजीत कुमार, इपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ.अमित कुमार,केयर के प्रशुनजीत प्रमाणिक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक एवं लेखापाल आदि उपस्थित थे।
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