पूर्णिया(बिहार)जिला समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी राहुल कुमार की अध्यक्षता में आईसीडीएस विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने आईसीडीएस द्वारा लोगों को उपलब्ध कराई जा रही सभी सुविधाओं की जानकारी ली।साथ ही होने वाली कमियों को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया । जिलाधिकारी ने आईसीडीएस डीपीओ शोभा सिन्हा व अन्य सीडीपीओ को आंगनबाड़ी केंद्रों पर टोकन द्वारा लोगों को दी जा रही टीएचआर वितरण में वृद्धि करने, सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को नियमित केंद्रों का निरीक्षण करने, प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना का लाभ लोगों को दिलाने में तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही जिला के के० नगर प्रखंड में गम्भीर कुपोषित बच्चों को स्वास्थ बनाने के लिए चलाये जा रहे सी-मैम कार्यक्रम की भी जानकारी ली। बैठक में आईसीडीएस डीपीओ शोभा सिन्हा, पोषण अभियान जिला समन्यवक निधि प्रिया, परियोजना सहायक सुधांशु कुमार, प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना जिला समन्वयक संजीव कुमार, यूनीसेफ कोऑर्डिनेटर बिश्वजीत पात्रा, सी-मैम कोऑर्डिनेटर राम राज, केयर डिटीएल आलोक पटनायक, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप के साथ ही सभी प्रखंडों की सीडीपीओ उपस्थित रहीं।
टीएचआर वितरण में वृद्धि करने का मिला निर्देश :
आयोजित बैठक में जिलाधिकारी को बताया गया कि वर्तमान में जिले में आईसीडीएस के 3425 केंद्र संचालित हैं।जिसके संचालन के लिए 3412 सेविका एवं 3163 सहायिका कार्यरत हैं है। जिलाधिकारी राहुल कुमार ने आमसभा आयोजित कर रिक्त स्थानों पर सेविका, सहायिकाओं की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। जिले में 3395 संचालित केंद्रों पर टोकन द्वारा टीएचआर का वितरण किया जा रहा है तथा 99 प्रतिशत लाभार्थियों को टीएचआर मिल रहा ही है। टीएचआर के लिए जिले में 1 लाख 64 हजार 89 टोकन जेनेरेट हुआ है।जिसमें से 1 लाख 5 हजार 479 का सत्यापन किया जा चुका है। 58 हजार 610 टोकन सत्यापन के लिए लंबित पेंडिंग हैं जिसकी प्रक्रिया चल रही है। जिलाधिकारी को बताया गया कि टोकन नहीं मिलने वाले सभी लाभार्थियों को भौतिक सत्यापन द्वारा टीएचआर की सुविधा दी जा रही है। टोकन द्वारा टीएचआर वितरण में कमी के लिए जलालगढ़ (59 प्रतिशत), धमदाहा (45 प्रतिशत), के० नगर (35 प्रतिशत) व डगरुआ ( 34 प्रतिशत) से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी राहुल कुमार ने टोकन द्वारा टीएचआर वितरण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रखंड पूर्णिया शहरी (89 प्रतिशत), पूर्णिया ग्रामीण (84 प्रतिशत), बायसी (82 प्रतिशत) की कार्ययोजना को अन्य प्रखंड अधिकारियों द्वारा उपयोग में लाते हुए टोकन द्वारा टीएचआर वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अगले माह से 80 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में सम्बंधित अधिकारी को लिखित जबाब देना होगा। टीएचआर वितरण में बैंकों से असहायता होने की स्थिति में बैंकों को सूचित करने और जरूरत अनुसार बैंक बदलने का भी जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है।
केंद्र निरीरक्षण में तेजी लाने का सीडीपीओ को मिला निर्देश:
समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को नियमित आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने का के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र स्तर पर हो रही कार्यों की सही जानकारी के लिए क्षेत्र निरीरक्षण जरूरी है। इसलिए सभी अधिकारी द्वारा आंगनबावाड़ी का नियमित निरीरक्षण करते रहना है। पिछले महीने कम निरीरक्षण करने के लिए के०नगर सीडीपीओ से को जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण की मांग की।
प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना के लिए आवेदनों में तेजी लाने का निर्देश :
जिलाधिकारी राहुल कुमार ने सभी सीडीपीओ को प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना के लिए आवेदनों की संख्या में तेजी लाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना में वर्तमान माह तक कुल 56 हजार 713 आवेदन अपलोड किए गये हैं। आवेदन अपलोड करने में भवानीपुर (197 प्रतिशत), बिकोठी (172 प्रतिशत), कसबा (144 प्रतिशत) आगे है। जिलाधिकारी द्वारा श्रीनगर (48 प्रतिशत), जलालगढ़ (54 प्रतिशत), पूर्णिया सदर (58 प्रतिशत) सीडीपीओ से आवेदनों की संख्या में कमी होने के लिए जवाब जबाब तलब की गई और इसकी संख्या में वृद्धि लाने लेन का निर्देश दिया गया। इसके लिए आंगनबावाड़ी सेविकाओं, महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रतिदिन लक्ष्य देने और उसे नियमित मॉनिटर करने का भी जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है।
गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वस्थ स्वास्थ्य बनाने को के चलाये जा रहे संवर्द्धन कार्यक्रम की ली जानकारी :
समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी राहुल कुमार ने के० नगर प्रखंड में गंभीर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य लाभ पहुँचाने के लिए चल रहे संवर्द्धन (सी-मैम) कार्यक्रम की भी जानकारी ली। यह कार्यक्रम यूनीसेफ, पूषा एग्रीकल्चर व सेन्टर ऑफ एक्ससलेंस, पटना के तत्वावधान में जिले के सिर्फ के०नगर प्रखंड के 07 पंचायतों के 98 आंगनबावाड़ी केंद्रों में चलाया जा रहा है। इसकी शुरुआत दिसम्बर 2018 में हुई थी। इस कार्यक्रम द्वारा क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को घर में या पोषण पुनर्वास केंद्र लाकर सुपोषित करते हुए उनके संवर्द्धन के लिए लिए स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। मार्च के बाद से इस कार्यक्रम को पूरे के० नगर प्रखंड के सभी आंगनबावाड़ी केंद्रों पर संचालित की जाएगी।
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