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श्राद्ध समाज पर अभिशाप है,इसे बंद करना समाज हित में जरूरी

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के माघर पोखरा निवासी उगर महतो का निधन बीते 15 फरवरी हो गया था।इनके मृत्यु के उपरांत समाज के बुद्धिजीवियों के पहला पर तरहवे दिन परिवार वालों ने श्रद्धा संस्कार का परित्याग करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। समाज से मृत्यु भोज को सम्पत करने का निर्णय लिया गया।बैठक में शामिल सुरेंद्र प्रसाद सोनी ने कहा कि मृत्यु भोज समाज पर अभिशाप है,इसे बंद करना समाज हित में जरूरी है।उन्होंने कहा कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तब उस परिवार के भरना पोषण,शिक्षा दीक्षा में समाज को मदद करना चाहिए न कि मृत्यु भोज का आयोजन कर परिवार को आर्थिक बोझ डालना मूर्खतापूर्ण कार्य है।उन्होंने कहा कि जो राशि मृत्यु भोज पर खर्च होती है उस राशि से बच्चों की पढ़ाई करना सुनिश्चित करना होगा तभी परिवार का कल्याण होगा।मृतक के पुत्र मनोज कुमार महतो ने बताया कि मनुष्य के जीवित रहने में जो भी व्यक्ति मनुष्य का सेवा करता है या उसकी आवश्यकता की पूर्ति करता है वहीं उसके लिए स्वर्ग है।बाकी मारने के बाद कोई नहीं जानता है और देखता है कि उसका स्वर्ग हुआ की नर्क हुआ। उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि अपने माता पिता का जीवन काल में उनकी सेवा है उनको स्वर्ग की अनुभूति कराएगी।इस मौके पर शामिल अतिथियों ने भी आने वाले समय मृत्यु भोज को बंद करने के निर्णय का स्वागत किया।इस मौके पर ददन प्रसाद,मदन प्रसाद,बाबूलाल प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।