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गुणवत्तापूर्ण शोध हेतु उत्तर भारत के छह शिक्षण संस्थान हुए एकजुट

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु छह प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच पहली बैठक पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में सम्पन्न
हकेवि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने गुणवत्तापूर्ण शोध व शैक्षणिक मोर्चे पर सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु जागरूकता पर दिया जोर

पंजाब(बठिंडा)हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु आईआईटी, रोपड़; पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूर्ण होने पर राजधानी दिल्ली में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में बीती 29 जुलाई को हुए समझौता ज्ञापन के तहत एकजुट हुए इन संस्थानों ने जमीनी स्तर पर कार्य शुरु कर दिया है। इसके लिए सभी सहयोगी संस्थानों के बीच पहली बैठक पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में सम्पन्न हुई। इस बैठक में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विशेष रूप से संस्थानों के बीच शोध हेतु आपसी साझेदारी, संयुक्त निर्देशन पर जोर दिया और कहा कि इसके माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य करने का मार्ग प्रशस्त होगा। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में सभी संस्थानों के शिक्षकों को विशेष रूप से इस साझेदारी के उद्देश्यों से अवगत कराने पर जोर दिया।

उनका कहना था कि इस जागरूकता के माध्यम से ही समझौता ज्ञापन के लक्ष्यों की प्राप्ति संभव है। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय,बठिंडा के कुलपति प्रो. आर.पी. तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो.राजीव आहुजा, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल और जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. यशवंत सिंह सम्मिलित हुए। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि बैठक में प्रमुख रूप से दस सूत्री कार्यक्रम में चर्चा हुई, जिसमें संस्थानों के बीच विद्यार्थी व शिक्षकों के आदान-प्रदान, संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट, संयुक्त कंसलटेंसी, संयुक्त पीएच.डी कार्यक्रम संचालित करने, संयुक्त शैक्षणिक (डिप्लोमा/डिग्री) कार्यक्रम उपलब्ध कराने, ड्यूल डिग्री कार्यक्रम शुरु करने, आपसी साझेदारी से सेमिनार, कार्यशाला व संगोष्ठी आदि का आयोजन, संयुक्त आउटरीच कार्यक्रम चलाना, इंटर्नशिप और नोडल ऑफिसर की नियुक्ति पर चर्चा की गई। कुलपति ने कहा कि आयोजन की शुरुआत में स्वागत भाषण आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी. तिवारी ने दिया और उन्होंने 21वीं शताब्दी में आपसी साझेदारी के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए इसकी उपयोगिता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अवश्य ही यह साझेदारी उत्तर भारत में शोध व अनुसंधान के स्तर पर नए आयाम स्थापित करेगी।

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