महेंद्रगढ़(हरियाणा)कोरोना महामारी से भारत ही नहीं समूचा विश्व प्रभावित हुआ है। यह ऐसा कठिन समय है जिसमें हेल्थ केयर सेक्टर में कार्यरत लोगों ने जिस कर्मष्ठता व कर्त्तव्य निष्ठा का परिचय दिया है उसकी जितनी सराहना की जाए वो कम है। मेडिकल ही नहीं विज्ञान के क्षेत्र में सक्रिय विशेषज्ञों ने भी इस कठिन समय आ रही विभिन्न चुनौतियों से निपटने में उल्लेखनीय सहयोग किया है।
यकीनन इस दौर में हम किसी भी स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की उपयोगिता को नजरअंदाज नहीं सकते हैं बल्कि आज जरूरत है कि इस मोर्चे पर आत्मनिर्भर बना जाए और इस दिशा में भारत में बड़े स्तर पर काम भी हो रहा है। इसकी मदद से आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं जोकि स्वस्थ्य के क्षेत्र में बेहद मददगार साबित हो रहे हैं और इस तरह के प्रयासों को और अधिक बल प्रदान करने की आवश्यकता है। किसी भी बीमारी या समस्या का निदान तभी सही ढंग से हो सकता है जबकि उसे ठीक से डॉयग्नोस किया जाए और इस कार्य में अत्याधुनिक उत्पाद उपयोगी साबित हो रहे हैं। हमें दिशा में और बड़े पैमाने पर प्रयास करने की जरूरत है। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय के सेंटर फोर इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन की ओर से आयोजित ऑनलाइन विशेषज्ञ व्याख्यान को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कुलपति ने इस मौके पर विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की डॉ. ममता जुनेजा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही उनके संबोधन से इस क्षेत्र में जारी बदलावों को जानने समझने में मदद मिलेगी।
स्मार्ट मेडिकल डिवाइसेस एंड डॉयग्नोस्टिक सोल्यूशन यूजिंग आर्टिफिसियल इंटेलिजेंसी विषय पर केंद्रित इस विशेषज्ञ व्यायान की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के सेंटर फोर इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन की कोऑडिनेटर प्रो.सुनीता श्रीवास्तव ने सेंटर के द्वारा जारी विभिन्न प्रयासों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह से यह सेंटर विश्वविद्यालय स्तर पर नए शोध व इनोवेशन के विकास में प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कोशिशों के परिणामस्वरूप प्रत्येक सप्ताहंत में विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न नए विषयों पर केंद्रित विमर्श किया जाता है। उन्होंने कहा कि अवश्य ही इस आयोजन के माध्यम से भी स्मार्ट मेडिकल डिवाइसेस एंड डॉयग्नोस्टिक सोल्यूशन यूजिंग आर्टिफिसियल इंटेलिजेंसी से जुड़े विभिन्न् पक्षों को को जानने समझने में मदद मिलेगी और प्रतिभागी इससे लाभांवित होंगे।
विशेषज्ञ वक्ता डॉ. ममता जुनेजा ने अपने संबोधन में स्मार्ट मेडिकल डिवाइसेस एंड डॉयग्नोस्टिक सोल्यूशन यूजिंग आर्टिफिसियल इंटेलिजेंसी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह से स्मार्ट डिवाइस स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है। डॉ. ममता ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में इस कार्य के लिए विशेष केंद्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि भारत अपनी जरूरत के 80 फीसद मेडिकल डिवाइस विदेशों से आयात करता है। उन्होंने कहा कि हमारा केंद्र इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है और विभिन्न उत्पाद विकसित करने की दिशा में कार्यरत है और विभिन्न मेडिकल डिवाइस विकसित कर रहा है।
इनमें मोशन सेंसिस गल्व्स, 3डी प्रिटंर, ह़यूमन बाइट फोर्स मेजरिंग डिवाइस आदि प्रमुख है।ऑनलाइन व्याख्यान के अंत में विशेषज्ञ वक्ता ने प्रतिभागियों के सवालों व जिज्ञासाओं का भी निदान किया।
कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय कुलपति का परिचय डॉ. अनूप यादव ने दिया। ऑनलाइन व्याख्यान के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन श्री सुनील अग्रवाल ने प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में प्रो.पवन कुमार मौर्य, डॉ. अनूप यादव डॉ. सूरज आर्य और श्री सुनील अग्रवाल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रमुख, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी व कर्मचारी शामिल हुए।
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