ज़िले में 102 टीम लगाई गई है छिड़काव में
डब्लूएचओ व केयर इंडिया का लिया गया है सहयोग
पूर्णिया(बिहार)वैश्विक महामारी कोविड-19 के साथ ही कालाजार जैसी बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज़िले के सभी क्षेत्रों में सिंथेटिक पाराथाराइड का छिड़काव कराया जा रहा है। ज़िला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के अलावे कालाजार से बचाव के लिए हमलोगों को ज़्यादा सतर्कता बरतनी होगी। यह भी एक तरह से संक्रामक बीमारी जैसी ही होती है।
कालाजार से बचाव को हो रहा एसपी का छिड़काव:
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए ज़िले के सभी गांवों में सिंथेटिक पाराथाराइड( एसपी) का छिड़काव कराया जा रहा है। क्योंकि एसपी का छिड़काव ही कालाजार से बचने के लिए बेहतर विकल्प है। साथ ही इससे बचाव के लिए हम सभी को भी सतर्क तो रहना ही हैं। साथ ही साथ आसपास के लोगों को जागरूक भी करना बेहद ही जरूरी है। इसके लिए हमलोगों को अपने घरों में सफ़ाई के साथ ही आसपास जैसे: बथान, दलान, मवेशियों के रहने वाला स्थान, नाला की सफाई सहित अन्य तरह के रहन-सहन में भी बदलाव करना अतिआवश्यक है।
ज़िले में 102 टीम लगाई गई है छिड़काव कार्य में :
वैक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रविनंदन सिंह एवं केयर इंडिया के डीपीओ चन्दन कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार के विरुद्ध सिंथेटिक पाराथाराइड दवा का छिड़काव 102 टीम के द्वारा ज़िले के सभी 14 प्रखंडों में कराया जा रहा है। छिड़काव से दो दिन पूर्व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में छिड़काव की सूचना दी जाती है। उसके बाद 6 सदस्यीय टीम पहुंचती है। छिड़काव से पहले घर के सभी सामान, बच्चों, मवेशी व मवेशियों के चारा को बाहर निकाल दिया जाता है या तो फिर उसे किसी प्लास्टिक या अन्य तरह के चादर से सामानों को ठीक तरह से ढक दिया जाता है। जिससे छिड़काव करने में किसी तरह से कोई असुविधा नहीं हो।
छिड़काव से पहले इस पर भी ध्यान देने की है जरूरत:
1.घर के अंदर फर्श से 6 फ़ीट ऊपर तक छिड़काव किया जाता है
2.घर के कमरे को चारों तरफ़ से बंद करने के बाद ही छिड़काव कराना होता है
3.छिड़काव के बाद कम से कम 2 घण्टे तक कमरे को बंद कर के रखा जाता है.
मुख्य रूप से कालाजार के लक्षण:
पेट में दर्द की शिकायत, बुखार, कुछ भी अच्छा नहीं लगना, भूख न लगना, सोने के बाद रात में पसीना होना या इसके अलावे असामान्य रूप से पतला होना, त्वचा का रंग गहरा होना, मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना, दस्त का होना।
डब्लूएचओ व केयर इंडिया का लिया जाता है सहयोग:
ज़िला स्तर पर ज़िला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक कार्यकर्ता के अलावे डब्लूएचओ व केयर इंडिया का भी सहयोग लिया जाता है। इसके अलावे प्रखण्ड स्तर पर वैक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर, बेसिक हेल्थ इंस्पेक्टर, बेसिक हेल्थ वर्कर, केयर इंडिया के प्रखंड समन्यवयक, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। साथ ही छिड़काव की शत प्रतिशत सफ़लता के लिए ज़िला से लेकर प्रखंड स्तर तक टीम बनाकर प्रतिदिन भ्रमण किया जाता है। सांध्यकालीन फीडबैक भी ली जाती है , ताकि किसी भी तरह से कोई लापरवाही नहीं हो।
कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर, करें इनका अनुपालन:
पटना:अपना किसान पार्टी के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष जयलाल प्रसाद कुशवाहा ने मंगलवार को वैशाली…
समस्तीपुर:जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियां अपने पक्ष में गोलबंद करने के…
भोजपुर(बिहार)जिले के संदेश विधानसभा के पियनिया में आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल…
छपरा:जिले की महिलाओं विशेष रूप से युवतियों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता के…
छपरा:राज्य के युवाओं को खेलकूद की ओर आकर्षित करना, उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से…
बिहार :जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को रात्रि में सूचना प्राप्त हुई…
Leave a Comment