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भगत सिंह की शहादत पर छात्रों ने निकाला मशाल जुलूस

रोहतक(हरियाणा)महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस पर छात्र एकता मंच ने मशाल जुलूस निकाला। किसान चौक से क्रांति चौक तक सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने नारेबाजी की। इस दौरान छात्रों को भगत सिंह और उनके साथियों की क्रांतिकारी विरासत से परिचित कराया गया।

मंच संचालन के दौरान संगठन के अभिषेक ने कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों का लक्ष्य अन्याय, लूट और शोषण पर टिकी पूंजीवादी व्यवस्था की जगह न्याय, समानता और बराबरी पर आधारित समाज बनाना था। आजादी के 77 साल बाद भी उनका सपना अधूरा है। देश में अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ रही है। भुखमरी और बेरोजगारी ने आम जनता का जीना मुश्किल कर दिया है। छात्रों, नौजवानों, मजदूरों, गरीब किसानों और कर्मचारियों के हकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। धर्म और जाति के नाम पर दंगे हो रहे हैं। यह वह समाज नहीं है, जिसका सपना भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने देखा था।

छात्र एकता मंच के अंकित ने कहा कि शहीदों का सपना ऐसा समाज बनाना था, जहां एक इंसान दूसरे का शोषण न कर सके। जहां अमीरी-गरीबी की खाई न हो। जाति और धर्म के नाम पर बंटवारा न हो। जहां उत्पादन और शासन पर मेहनतकश जनता का नियंत्रण हो।

उन्होंने कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हम उनके विचारों को आत्मसात कर एक समतामूलक समाज के निर्माण के लिए संघर्ष करेंगे। भगत सिंह ने युवाओं से कहा था कि क्रांति का संदेश देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। फैक्ट्रियों, कारखानों, गंदी बस्तियों और गांवों की झोपड़ियों तक इस क्रांति की अलख जगानी है, जिससे सच्ची आजादी आएगी और शोषण असंभव हो जाएगा।

कार्यक्रम में अंकित, सक्षम, रोनित, राहुल, कशिश, अनु और अमित सहित कई छात्र शामिल रहे। छात्रों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘छात्र एकता जिंदाबाद’ और ‘शहीद भगत सिंह अमर रहें’ के नारे लगाए।