फटे-पुराने मास्क के उपयोग से बढ़ सकती है आपकी परेशानी
मास्क का उपयोग कोरोना ही नहीं अन्य कई बीमारियों से आपके बचाव में है सहायक
अररिया(बिहार)बदलते मौसम के दौरान संक्रमण से बचाव के तौर तरीकों पर ज्यादा गंभीरतापूर्वक अमल की जरूरत है। कोरोना से बचाव को लेकर मास्क व सामाजिक दूरी की उपयोगिता पहले ही साबित हो चुकी है। कोरोना वैक्सीन के आने तक संक्रमण से खुद के बचाव का यही एक ज्ञात तरीका है। प्रशासनिक तौर पर भी मास्क व दो गज की सामाजिक दूरी के अनुपालन की अनिवार्यता सुनिश्चित कराने को लेकर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर हर दिन प्रशासन का सख्त रवैया भी सामने आ रहा है। लिहाजा लोगों में महज खानापूर्ति के लिये मास्क के उपयोग का चलन बढ़ा है। लोग गंदे, फटे, पुराने मास्क का उपयोग महज प्रशासनिक सख्ती से बचने के लिये कर रहे हैं। इससे हम परेशानी में आ सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गंदे व पुराने मास्क के उपयोग से संक्रमण से खुद का बचाव तो दूर ये आपके लिये सेहत से जुड़ी नयी मुसीबतें खड़ी कर सकती हैं ।
गंदे मास्क से आ सकती हैं सेहत संबंधी चुनौतियां:
सिविल सर्जन डॉ रूपनारायण कुमार ने कहा कि मास्क के उपयोग को लेकर लोगों में अब भी लापरवाही देखने में आ रही है। महज दिखावा के लिये मास्क का उपयोग सही नहीं। मास्क से मुंह, नाक तो अच्छे से ढके होने ही चाहिये। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि आपके द्वारा इस्तेमाल किया गया मास्क पूरी तरह साफ हो। इसलिये हर बार मास्क के उपयोग से पहले इसके बेहतर तरीके से साफ होने को लेकर आश्वस्त होना जरूरी है। गंदे मास्क का उपयोग लोगों के लिए सेहत संबंधी नयी चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं । इसलिये जरूरी है कि गंदे, फटे-पुराने मास्क के उपयोग से हमेशा बचा जाये। जो लोगों की सेहत व कोरोना संक्रमण से बचाव के लिहाज से बेहद जरूरी है।
संक्रमण से बचाव के लिहाज से थ्री लेयर मास्क उपयोगी:
सिविल सर्जन ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिये थ्री लेयर मास्क उपयोगी है। संक्रमण से बचाव को लेकर एन 95 मास्क सबसे बेहतर माना जाता है। इसके अलावा संक्रमण से बचाव के लिये अगर आप सर्जिकल मास्क उपयोग में लाते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे सर्जिकल मास्क अधिक से अधिक छह घंटों तक ही उपयोग में लाना उचित है। सर्जिकल मास्क दोबारा उपयोग में नहीं लाया जाना चाहिये। सर्जिकल मास्क के निस्तारण को लेकर भी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उपयोग में लाये गये मास्क को जहां-तहां फेंक देने से संक्रमण के प्रसार की संभावना काफी बढ़ जाती है।
गंदे मास्क के उपयोग से बढ़ती है संक्रमण की संभावना:
गंदे मास्क के उपयोग से संक्रमण की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। सिविल सर्जन ने कहा कि बिना धोये एक मास्क का उपयोग लंबे समय तक करते हैं तो ये श्वसन संबंधी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। सर दर्द, बदन दर्द के साथ-साथ गला में दर्द व जलन की शिकायत भी इससे हो सकती है। एक बार उपयोग के बाद मास्क में कई तरह के हानिकारक कीटाणु व विषाणु अपना घर बना चुके होते हैं। इसके दोबारा उपयोग से सांस के माध्यम से इनका हमारे शरीर में प्रवेश करने की संभावना रहती है। इसलिये इसकी नियमित सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
मास्क की सफाई पर दें विशेष ध्यान:
उपयोग में लाये गये मास्क को धोने के लिये गर्म पानी व डिटॉल का उपयोग करना बेहद लाभकारी है। इसके अलावा साबुन व सर्फ में इसे कम से कम 10 से 15 मिनटों तक डूबो कर रखें। फिर हल्के हाथों से इसे अच्छी तरह साफ करें। पूरी तरह इसे साफ करने के बाद खुली धूप में इसे तब तक सुखाना जरूरी है जब तक की मास्क का गीलापन पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। गीले मास्क के उपयोग से लोगों को बचना चाहिये। एक बार मास्क लगाने के बाद इसे बार-बार छूने व उतारने से परहेज करना जरूरी है।
इन जगहों पर मास्क का उपयोग है जरूरी:
1.भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर
2.लोगों से आपसी मेलजोल के वक्त
3.सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों से बातचीत के दौरान
4.व्यस्त सार्वजनिक स्थलों पर
5.कार्यस्थल पर जहां आप अधिक लोगों से संपर्क में आते हैं
6.सार्वजनिक परिवहन साधनों के उपयोग के दौरान
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