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आदि कालीन है मां अम्बिका के मिट्टी की पिण्डी

सारण(बिहार)धन,बल व विद्या के रुप मे विराजमान मां अम्बिका भवानी के मिट्टी की पिण्डी का प्रादुर्भाव आदिकाल से से इसकी पुष्टि विज्ञान भीं कर चुका है।आज आमी मन्दिर के पूजेरी गणेश तिवारी ने बताया की मां अम्बिका भवानी के मिट्टी की पिण्डी आदि मानव के विकास काल की है।भारतीय पुरातत्व विभाग नें अम्बिका भवानी के मिट्टी की जांच करी तो बताया कि यह मिट्टी आदि कालीन है।यह स्थल इतना पवित्र व जागृत है की यहां सभीं तरह की सिद्धि प्रदान करने वाली सिद्धिदात्री मां अम्बिका देवी विराजमान हैं।

यहीं से 51 शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई थी।आमी मे ही राजा सूरथ और वैश्य ने मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर नित्य पूजा कर तपस्या शुरु किया।इन दोनो के कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर आमी मे दुर्गा देवी प्रकट हुई थी।तभी से यह स्थान दिव्य स्थल बन गया।जो भक्त मां अम्बिका के दरबार मे पहुंचता है उसका नंगा पांव मां के स्थल पर परते हीं समस्त नकारात्मक उर्जा यह पावन तपो भूमि अपने अंदर खींच लेती है और उस भक्त का तन और मन निर्मल बन जाता है।