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मधेपुरा में सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के चौथे चरण की शुरुआत सोमवार से

कार्यक्रम के द्वारा गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया जाएगा आवश्यक टीका:
टीकाकरण सिर्फ बच्‍चों की जिंदगी ही नहीं बचाता, बल्कि यह बीमारियों को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने में मदद भी कर सकता है: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी:

मधेपुरा(बिहार)जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम (आईएम्आई) 4.0 की शुरुआत 07 मार्च से की जा रही है।मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत नियमित टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकृत किया जाएगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जरूरी तैयारी पूरी की जा रही है।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार गुप्ता ने सूचना देते हुए बताया कि टीकाकरण सिर्फ बच्‍चों की जिंदगी ही नहीं बचाता, बल्कि यह बीमारियों को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने में मदद भी कर सकता है। उन्होंने बताया सघन मिशन इंद्रधनुष के चौथे चरण यानि आईएमआई 4.0 में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिए आवश्यक टीका लगाया जाएगा। इससे महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और शिशुओं को बचपन में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा मिलेगी। इसमें पोलियो, टीबी, डिप्थीरिया, टेटनस, निमोनिया, हेपेटाइटिस-बी, खसरा-रूबेला, जैपनीज एन्सेफ्लाइटिस, दस्त जैसी विभिन्न बीमारियां शामिल हैं। जिससे बचाव के लिए टीका लगाना आवश्यक है। अभियान के दौरान सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर में शिविरों का आयोजन कर पात्र गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को टीका लगाया जाएगा।

769 सत्र स्थलों पर चलाया अभियान:
गहन मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाकर जिले के कुल 673 सत्र स्थलों पर टीकाकरण चलाया जाएगा। इसके लिए आलमनगर में 64, बिहारीगंज में 51, चौसा में 64, गम्हरिया में 25, घैलाध में 33, ग्वालपाड़ा में 40, कुमारखंड में 65, मधेपुरा सदर में 98, मधेपुरा शहरी में 23, मुरलीगंज में 40, पुरैनी में 42, शंकरपुर में 25, सिंघेश्वर में 48, उदा किशुनगंज में 55 सत्र स्थल बनाया गया है।अभियान के तहत जिला के सभी प्रखंडों में चयनित सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं एवं 2 वर्ष तक के बच्चों का विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव को ले टीकाकरण किया जायेगा।

नवजातों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने के लिए टीके सबसे प्रभावी:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी बताते हैं कि नवजातों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने के लिए टीके सबसे प्रभावी,सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक है। पूर्ण टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने कम टीकाकरण कवरेज, उच्च जोखिम वाले और दुर्गम क्षेत्रों में आंशिक व बिना टीकाकरण वाली गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कवर करने और उन्हें टीकों के जरिए बचाव योग्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान के लिए दिसंबर, 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी।” आईएमआई 4.0 के तीन राउंड की योजना बनाई गई है, जिससे कोरोना महामारी के कारण सामने आई कमियों को पूरा किया जा सके। जिलों को नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के अनुरूप टीकाकरण कवरेज, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों और टीके से बचाव योग्य बीमारियों की संख्या के आधार पर चिह्नित किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा सुझाए गए जिलों को भी इसमें शामिल किया गया है।

Mani Brothers

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