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लैंगिक समानता के लिए राष्ट्रीय कार्यशैली की आवश्यकता- प्रो. आर.सी. कुहाड़

हकेवि में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित
पूर्व संसद सदस्य डॉ. सुधा यादव मुख्य अतिथि के रूप में हुईं शामिल, वार्षिक संकल्प पर दिया जोर

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व लोकसभा सांसद व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य डॉ. सुधा यादव शामिल हुईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने की और इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय कार्यशैली का निर्माण कर शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्रों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में देश-विदेश, वर्तमान, भूत व भविष्य को केंद्र में रखते हुए भारत व अंतर्राष्ट्रीय जगत में महिलाओं के उल्लेखनीय प्रदर्शन, उनके त्याग, बलिदान व समर्पण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी नारियों की सदी है और महिलाएं आपने योगदान के माध्यम से इस बात को अक्षरतः साबित कर रही हैं।
विश्वविद्यालय के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ द्वारा ‘वुमेन इन लीडरशिपः अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन कोविड-19 वर्ल्ड‘ पर केंद्रित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल डॉ. सुधा यादव ने कोरोना काल में महिलाओं के योगदान को अविस्मरणीय बताया और कहा कि महिलाओं ने एक बार फिर से अपनी शक्ति व समर्पण से समूचे मानव समुदाय के बीच सम्मानीय स्थान अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की तुलना देवी से की जाती है जबकि महिलाओं की इच्छा केवल समान अवसर प्राप्त करना होती है। हमें ऐसे अवसरों का विकास करना होगा जिससे कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता का भरपूर प्रदर्शन कर सकंे और इतिहास में यह प्रमाणित है कि महिलाओं ने जब-जब नीति निर्धारण व नेतृत्व के मोर्चे पर कमान संभाली है, परिणाम सकारात्मक ही प्राप्त हुए हैं। डॉ. सुधा यादव ने इस अवसर पर निजी व सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बदलते समय में जिस तरह से ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प खुला है वह अवश्य ही महिलाओं को विकास के भरपूर अवसर प्रदान करने में मददगार होगा। डॉ. यादव ने इस अवसर पर महिला दिवस को केंद्र में रखते हुए वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर उस पर अमल करने और उसका मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रयासों की भी सराहना की और विश्वविद्यालय की प्रगति में योगदान में हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के निर्धारण और इसकी मूल भावना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नारी को उचित सम्मान प्रदान करेन पर ही समाज का उत्थान हो सकता है। उन्होंने परिवार नामक संस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी सूत्रधार महिलाएं ही होती हैं। कुलपति ने इस अवसर पर सती सावित्री, माता सीता, शकुंतला, अनुसूया, गार्गी, पद्मावती, लक्ष्मी बाई, दुर्गावती, सरोजिनी नायडू, सुजेता कृपलानी, प्रतिभा देवी पाटिल, स्मृति ईरानी, कमला हेरिस, वीनेश फोगाट, साक्षी मलिक, सायना नेहवाल आदि का उल्लेख करते हुए विस्तार से बताया कि किस तरह से सैंकड़ों सालों से महिलाएं अपनी प्रतिभा के बूते देश, समाज, विश्व के कल्याण के लिए काम किया है। कुलपति ने इस अवसर पर कोरोना काल में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को भी याद किया और बताया कि किस तरह से इस मुश्किल वक्त में नारी शक्ति का परिचय दिया। अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की उन छात्राओं व शिक्षिकाओं का भी विशेष रूप से उल्लेख किया जिन्होंने जागरूकता अभियान, मास्क व सेनिटाइजर वितरण आदि गतिविधियों में उल्लेखनीय भूमिका अदा की। साथ ही कुलपति ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि से भी विश्वविद्यालय के विकास में योगदान का आग्रह किया।
कार्यक्रम में शामिल विशेषज्ञ वक्ता नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंडएडमिनिस्ट्रेशन की डॉ. निधि एस सबरवाल ने लैंगिक समानता के लिए आवश्यक नेतृत्व क्षमता के विकास विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि महिलाएं किस तरह से राजनीति से लेकर अन्य विभिन्न महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य कर सकती हैं और शिक्षा के माध्यम से उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में कैसे सहयोग किया जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय स्तर पर भी विभिन्न उपायों के माध्यम से महिलाओं को आगे आने के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. रेनु यादव के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान मंच का संचालन अर्थशास्त्र विभाग की सहायक आचार्य व प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ. रेणु ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति व मुख्य अतिथि का परिचय छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. दिनेश गुप्ता ने तथा विशेषज्ञ वक्ता का परिचय उप छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. आनन्द शर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय की उप छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मोनिका ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षक, अधिकारी, विद्यार्थी व शोधार्थी ऑनलाइन माध्यम से सम्मिलित हुए।

Mani Brothers

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