Categories: Home

विश्वकर्मावंश के गौरव महान शिक्षा ऋषि थे ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव

यूपी:निष्काम, कर्मयोगी, तप, त्याग और सेवा की साक्षात मूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव महराज का जन्म वर्ष 1876 में जिला बागपत के गांव कोताना में उनकी ननिहाल में हुआ था। उनका पालन पोषण मुजफरनगर के अपने गांव मुंडभर में हुआ था। उन्हें वर्ष 1900 में मुनि की रेती ऋषिकेश में गुरूदेव स्वामी पूर्णानन्द जी सेे संन्यास की दीक्षा ली थी। अपने 129 वर्ष के जीवनकाल में उन्होनें 100 वर्ष जनसेवा में गुजारे। स्वामी जी ने करीब 300 शिक्षण संस्थाओं के साथ कृषि केन्द्रों, गऊशालाओं, वृद्ध आश्रमों, चिकित्सालयों आदि का निर्माण कराकर समाजसेवा में अपनी उत्कृष्ट छाप छोड़ी।
ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव जी के प्रमुख शिष्य एवं उत्तराधिकारी ओमानन्द जी के अनुसार स्वामी कल्याणदेव जी को उनके सामाजिक कार्यों के लिये तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 20 मार्च 1982 में ‘पदमश्री’ से सम्मानित किया। इसके बाद 17 अगस्त 1994 को गुलजारी लाल नन्दा फाउंडेशन की ओर से तत्कालीन राष्ट्रपति डा0 शंकर दयाल शर्मा ने उन्हें नैतिक पुरूस्कार से सम्मानित किया। 30 मार्च 2000 को तत्कालीन राष्ट्रपति के0आर0 नरायणन द्वारा ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया। इसके बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के दीक्षांत समारोह में उन्हें 23 जून 2002 को तत्कालीन राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने साहित्य वारिधि डी–लिट उपाधि प्रदान की थी।

स्वामी ओमानन्द के अनुसार ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणदेव जी महाराज अपने जीवनकाल में कभी भी रिक्शा में नहीं बैठे। लखनऊ, दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर जाकर भी वे हमेशा पैदल चला करते थे। उनका तर्क था कि रिक्शा में आदमी, आदमी को खींचता है जो कि पाप है।
पांच घरों से रोटी की भिक्षा लेकर एक रोटी गाय को दूसरी रोटी कुत्ते को तीसरी रोटी पक्षियों के लिये छत पर डालते थे। बची दो रोटियां को वह पानी में भिगोकर खाते थे।
ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव जी महाराज ने ब्रह्मलीन होने के एक वर्ष पहले ही अपने शिष्य स्वामी ओमानंद महाराज को अपनी समाधि का स्थान बता दिया था। यहॉ तक की मृत्यु के तीन दिन पहले स्वामी जी ने अंतिम सांस लेने से दस मिनट पहले शुक्रताल स्थित मंदिर व वटवृक्ष की परिक्रमा की इच्छा जताई थी। उनकी इच्छानुसार उनके अनुयायियों ने ऐसा ही किया। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का चित्र देखकर उनके चेहरे पर हंसी आ गई।
ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव महाराज जी ने अपने जीवनकाल में हमेशा जरूरतमंदो की मदद करने का संदेश दिया। वह कहा करते थे कि अपनी जरूरत कम करो और जरूरतमंदो की हरसंभव मदद करो। परोपकार को ही वह सबसे बड़ा धर्म मानते थे, ऐसा उन्होंने जीवन पर्यन्त किया भी। सदैव पानी में भिगोकर भिक्षा में ली गई रोटी खाने वाले स्वामी जी ने 129 वर्ष की आयु में 300 से अधिक शिक्षा केन्द्र स्थापित कर रिकार्ड स्थापित किया।
ऐतिहासिक श्रीमद्भागवत की उद्गम स्थली शुकतीर्थ के विकास को वीतराग स्वामी कल्याणदेव ने जीवन पर्यंत तप, त्याग और सेवा की। तीन सदी के दृष्टा, 129 वर्षीय ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणदेव का जीवन विराट, विलक्षण पुरुषार्थ का प्रतीक था। समाज उत्थान के कार्यों की अमिट सेवा कर महान संत देश में ध्रुव स्थान पा गए। उनके कृतित्व की कहानियां समाज और राष्ट्र को प्रेरणा देती है। वर्ष 1944 में प्रयाग कुम्भ में संत महात्माओं की मौजूदगी में संगम तट पर गंगाजल हाथ में लेकर स्वामी कल्याणदेव ने शुकतीर्थ के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। पंडित मदन मोहन मालवीय ने चार सितम्बर 1945 को शिक्षा ऋषि को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एक पत्र लिखा, जिसमें शुकदेव आश्रम में श्रीूदभागवत के विद्वान वैदिकों से यज्ञ और उपदेश कराने की सलाह दी। स्वामी कृष्ण बोधाश्रम महाराज, स्वामी करपात्री, गोकुलनाथ वल्लभाचार्य, रामानुजाचार्य आदि देश के संतों के मार्गदर्शन में वीरराग संत ने शुकतीर्थ को विकसित किया। पांडवों के वंशज महाराजा परीक्षित को व्यासनंदन श्री शुकदेव मुनि ने मोक्षदायिनी भागवत कथा सुनाई थी। 14 जुलाई 2004 को पावन वटवृक्ष और शुकदेव मंदिर की परिक्रमा कर दिव्य संत ब्रह्मलीन हो गए।

मां सरस्वती के भक्त तथा मुजफरनगर के इस महान विश्वकर्मावंशीय शिक्षा ऋषि को शत—शत नमन

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago