एएनएम, आशा या कोई अन्य अनुभवी महिला हो सकती है प्रसव सखी
पूर्णियाँ(बिहार)किसी परिवार में बच्चे का जन्म होना पूरे परिवार के लिए खुशी की बात होती है. ऐसे समय में जच्चा-बच्चा की सुरक्षा का बेहतर खयाल रखना बेहद जरूरी है. गर्भवती महिलाओं की मदद घर पर उपस्थित अनुभवी महिला रिश्तेदार, आशा व एएनएम करती हैं. इसे प्रसव सखी की संज्ञा दी जा सकती है. ऐसी प्रसव सखियां प्रसव के समय माता की सुरक्षा का न केवल ध्यान रखती है बल्कि प्रसव पीड़ा और शिशु जन्म का अनुभव कर रही महिला का लगातार हौसला भी बढ़ाती है. प्रसव के लिए लोगों को अस्पताल में ही आना चाहिए. यहां उन्हें हर तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. सुरक्षित प्रसव के होने से गर्भवती महिला व नवजात शिशु का स्वास्थ्य बेहतर हो सकेगा।
सुरक्षित प्रसव में मदद करते हैं प्रसव सखी :
सुरक्षित प्रसव कराने में प्रसव सखी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. प्रसव सखी के रूप में गर्भवती महिला की कोई अनुभवी महिला रिश्तेदार, उस क्षेत्र की आशा, आंगनवाड़ी सेविका या एएनएम हो सकती हैं. इन लोगों की मदद से गर्भवती महिला अपना खयाल बेहतर रख सकती है.
इन बातों का ध्यान रखती हैं प्रसव सखी :
जानकारी देने के साथ ही समस्याओं का रखती है ध्यान :
सदर अस्पताल में कार्यरत जीएनएम गुलशन ने बताया संस्थागत प्रसव गर्भवती महिला और होने वाले शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. इसमें प्रसव सखी की भूमिका महत्वपूर्ण है. उनके द्वारा ही गर्भवती महिला को समय पर सही जानकारी देने के साथ होने वाली समस्याओं पर ध्यान रखा जाता है. प्रसव के समय गर्भवती महिला को बहुत सी परेशानी होती है जैसे गंभीर पेट दर्द, देखने में परेशानी, भयंकर सरदर्द, योनि से रक्तस्राव की मात्रा में वृद्धि, सांस लेने में दिक्कत, झटके आना या दौरे पड़ना, पेशाब करने में परेशानी, दुर्गंध युक्त योनि स्राव एवं बुखार या ठंड लगना आदि. इनसब से उबरने के लिए प्रसव के समय किसी परिचित महिला का गर्भवती के साथ होना जरूरी है. एएनएम के साथ इनके होने से गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान मदद मिलती है. महिलाओं की प्रसव हमेशा अस्पताल में ही करानी चाहिए. वहां हर तरह की सुविधा उपलब्ध होती है जो इन परिस्थितियों से निपटने के लिए जरूरी है. सुरक्षित प्रसव के होने से ही जच्चा व बच्चा दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इसलिए लोगों को प्रसव के समय इन बातों पर ध्यान रखना चाहिए.
जन्म के बाद भी शिशु पर ध्यान रखने में करती है मदद :
जन्म के बाद भी नवजात शिशुओं पर ध्यान रखना जरूरी होता है. इसमें भी माता को मदद की जरूरत होती है जिसमें प्रसव सखी मदद कर सकती है. प्रसव सखी पहले से अनुभवी होती है इसलिए नवजात शिशु को जन्म के बाद होने वाले बीमारियों के लक्षण आसानी से समझ सकती है. उसे समय पर आगाह करते हुए चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह देने में मदद कर सकती है. इसके अलावा जन्म के बाद जल्दी स्तनपान कराने में, स्तनपान सम्बंधित अफवाहों से उबरने आदि में भी प्रसव सखी मदद करती है.
बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…
2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…
भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…
सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…
On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…
20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…
Leave a Comment