जनवरी से नवंबर तक 265 मरीज़ों की हुई पहचान, टीबी को मात देकर 78 मरीज हुए ठीक:
अमौर रेफ़रल अस्पताल से जुड़े टीबी मरीज़ों के साथ विस्तृत रूप से की गई चर्चा: एमओआईसी
पूर्णिया(बिहार)वर्ष 2025 तक बिहार से टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास करने में जुटा है। इस अभियान में कई अन्य सहयोगी संस्था के अधिकारी एवं कार्यकर्ता भी क़ीमती सहयोग दे रहे हैं। इस सिलसिले में ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित मासिक बैठकों का आयोजन कर समीक्षा की जाती है। रेफ़रल अस्पताल अमौर के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) उमेश कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रखंड अंतर्गत जितने भी टीबी मरीजों की पहचान की जाती है, उन सभी को नियमित रूप से दवा का सेवन के साथ ही पौष्टिक आहार खाने के लिए जागरूक किया जाता है। इस वर्ष जनवरी से लेकर नवंबर तक 265 मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन कराया जा रहा है। इसमें अभी तक 78 मरीज नियमित तौर पर दवा एवं पौष्टिक आहार का सेवन करने के बाद अब पूरी तरह से टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। मासिक बैठक के दौरान रेफ़रल अस्पताल अमौर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बरकतुल्लाह,अस्पताल प्रबंधक अनिल कुमार, एसटीएस उमेश कुमार, केएचपीटी के बीसी अभिषेक रंजन, टीबी चैंपियन अली रज़ा सहित टीबी मरीज भी उपस्थित थे।
टीबी उन्मूलन अभियान में टीबी चैंपियंस की अहम भूमिका: सीडीओ
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ साबिर ने कहा कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में आ रही समस्याओं को जमीनी स्तर पर अध्ययन कर उसे विभाग के समक्ष प्रस्तुत करना भी टीबी मुक्त अभियान का ही हिस्सा है। स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षित टीबी चैंपियंस टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज़ों को भी जागरूक करने में जुटे हुए हैं।
अमौर रेफ़रल अस्पताल से जुड़े टीबी मरीज़ों के साथ विस्तृत रूप से की गई चर्चा: एमओआईसी
रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बरकतुल्लाह ने बताया कि स्थानीय स्तर के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी एवं सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर टीबी संक्रमण को फैलने से रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मरीजों को ससमय दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी अहम योगदान दे रहे हैं। कार्यकुशलता एवं दक्षता में इजाफा करने के लिए नियमित रूप से विभागीय स्तर पर समीक्षा बैठक एवं उन्मुखीकरण से संबंधित कार्यक्रमों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। मासिक समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित टीबी मरीज़ों के साथ विस्तार पूर्वक समस्या एवं सुरक्षित रहने के चर्चा की गई। ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो।
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