विपक्ष की भूमिका अब और अधिक महत्वपूर्ण, इसलिए एकजुटता और सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता: सुधांशु रंजन पाण्डेय
छपरा:बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राजद ने तेज़ी के साथ संगठनात्मक मजबूती की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसी क्रम में राजद के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को सर्वसम्मति से पुनः नेता विरोधी दल के रूप में चुना गया है। यह निर्णय पार्टी के अंदर तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर दोबारा भरोसा जताने का प्रतीक माना जा रहा है। राजद विधायकों की बैठक में चुनावी नतीजों की समीक्षा की गई और विधानसभा के आगामी कार्यकाल के लिए रणनीति पर चर्चा हुई। इस संबंध में सारण स्थानीय निकाय के पूर्व प्रत्याशी सह राजद नेता सुधांशु रंजन पाण्डेय ने कहा कि समीक्षात्मक बैठक के दौरान उपस्थित सभी विधायकों का मानना है कि विपक्ष की भूमिका अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, इसलिए एकजुटता और सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। इसी भावना के साथ तेजस्वी यादव को फिर से विपक्ष का नेता चुना गया है।
राजद नेता सुधांशु रंजन पाण्डेय ने तेजस्वी यादव के मनोनयन पर बधाई देते हुए कहा कि पांच वर्षों के लिए संघर्ष का नया चरण शुरू हो चुका है। ऐसे में राजद के सभी विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एकजुट होकर जनता की आवाज को मजबूत तरीके से उठाने की जरूरत है। पाण्डेय ने कहा कि हार- जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन संघर्ष और जनता के मुद्दों पर डटे रहना ही असली राजनीति है। इन्होंने उम्मीद जताई है कि तेजस्वी यादव विपक्ष की भूमिका को मजबूती से निभाएंगे और विधानसभा में जनता के हितों की लड़ाई लड़ेंगे। तेजस्वी यादव को नेता विरोधी दल चुने जाने के बाद पार्टी में नई ऊर्जा का संचार देखने को मिलेगा। राजद अब आगामी राजनीतिक चुनौतियों के लिए खुद को फिर से तैयार करने में जुटने वाला है। ताकि गरीब, असहाय और विपक्षियों की आवाज को सदन में दमदार तरीके से नेता विरोधी दल के द्वारा उठाया जाए।

