Home

सत्ताधारी लोगों ने अपने राजनीतिक लोभ में बिना किसी सर्वे के पिछड़ी जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल करना गलत:प्रो.दिनेश पाल

10वीं पाल पारिवारिक मिलन सह सम्मान समारोह 2022 का आयोजन

पटना : जननायक कर्पूरी ठाकुर की 34वीं पुण्यतिथि पखवाड़ा के उपलक्ष्य में पाल इंटेलेक्चुअल फोरम बिहार, पटना द्वारा ए.एन.सिन्हा इंस्टीट्यूट, पटना में रविवार को 2022 फोरम के अध्यक्ष प्रो.(डॉ.) दिलीप कुमार पाल की अध्यक्षता में 10वीं पाल पारिवारिक मिलन सह सम्मान समारोह 2022 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैलचित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित किया गया,तत्पश्चात् प्रथम सत्र में कर्पूरी के मूल अतिपिछड़ों की वर्तमान स्थिति विषय पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. दिलीप कुमार पाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि मैं अतिपिछड़ा समाज के लोगों से अपील करना चाहता हूँ कि हम कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों को आत्मसात करते हुए शादी-विवाह तथा श्राद्ध जैसे पारिवारिक कार्यक्रमों में दिखावा व फिजूलखर्ची से परहेज करें।

कर्पूरी ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी बेटी की शादी तथा पिता का श्राद्ध सादगीपूर्ण तरीके से किया। कर्पूरी ठाकुर ने अतिपिछड़ा समाज को उचित प्रतिनिधित्व व उन्नयन के लिए एक विचारधारा दिया है, जो सूखता नजर आ रहा है, इसलिए शासन और समाज से गुजारिश है कि उसे सहेजने का प्रयास करें। डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग में कुल 113 जातियाँ वर्तमान में शामिल हैं, जिसमें एक पाल (गड़ेरिया) जाति भी है। समाज के उन्नयन हेतु कोई भी सरकारी योजना या कानून पूरे वर्ग के लिए बनाया जाता है न कि किसी जाति विशेष के लिए, इसलिए पाल समाज से अनुरोध है कि जात से जमात की ओर अग्रसर हों।

डॉ. बिनोद कुमार पाल ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा समाज के मसीहा हैं। अगर वो नहीं होते तो आज हम यहाँ नहीं होते। कर्पूरी ठाकुर कहा करते थे कि बड़ी मछलियाँ छोटी मछलियों को खा जाती हैं, इसलिए उन्होंने पिछड़ा समाज तथा अतिपिछड़ा समाज को अलग-अलग आरक्षण दिया, लेकिन वर्तमान में कई पिछड़ी जातियाँ अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल होकर मूल अतिपिछड़ा समाज का हकमारी कर रही हैं। अतिपिछड़ा समाज का कोटा संख्या अनुपात में बढ़ाने की जरूरत है। उपेन्द्र पाल ने अपने संबोधन में कहा कि अतिपिछड़ा समाज को अंधविश्वास व कर्मकाण्ड का त्याग कर ज्ञान-विज्ञान की ओर बढ़ना चाहिए। हमारे समाज का विकास शिक्षा से ही संभव है, इसलिए अपने संसाधन का उपयोग शिक्षा – स्वास्थ्य पर करने की जरूरत है न कि अधंविश्वास पाखण्ड एवं दिखावे पर हमें ज्ञान-विज्ञान – संविधान को आत्मसात करने की दरकार है।

डॉ. दिनेश पाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान समय में कर्पूरी के अतिपिछड़ों को अपना हक नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि बाद की सरकारें या यों कहें कि सत्ताधारी लोगों ने अपने राजनीतिक लोभ में बिना किसी सर्वे के तमाम पिछड़ी जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल कर मूल अतिपिछड़ा समाज को हाशिये पर ढकेल दिया है। हाल ही में हुए बिहार पंचायती राज चुनाव के परिणाम का विश्लेषण किया जाये तो पता चलेगा कि अधिकांश अतिपिछड़ा आरक्षित क्षेत्रों में तेली, दाँगी, बनिया, वैश्य, पटवा एवं बरई जाति के प्रतिनिधि चुने गये हैं, जो कि बाद में वोट के लिए अतिपिछड़ा समाज में शामिल की गई जातियाँ हैं। तुरहा, धानुक, नाई, गड़ेरिया, चीक, धुनिया, कुम्हार आदि मूल अतिपिछड़ी जातियों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला पाया है क्योंकि मूल अतिपिछड़ा जाति के लोग आर्थिक तथा सामाजिक रूप से अधिक पिछड़े हुए हैं। शिक्षा तथा सेवा में अतिपिछड़ा समाज के लिए जो 18 प्रतिशत तथा पंचायतीराज चुनाव में 20 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है, उसे बढ़ाकर बिहार सरकार को शीघ्र 33 प्रतिशत करना चाहिए, क्योंकि बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 40 प्रतिशत है। उपर्युक्त वक्ताओं के अतिरिक्त अमरेन्द्र पाल,संजय कुमार पाल, प्रो. रामस्वरूप भगत, रमण भाई जी, प्रो. ओम प्रकाश गुजेला, कुशेश्वर रावत, हीरा पाल एवं डॉ. रविशंकर पाल आदि ने भी अपना विचार व्यक्त किया ।कार्यक्रम के दूसरे सत्र को परिचय सत्र के रूप में रखा गया। इस सत्र में महिला-सशक्तीकरण के मद्देनजर मंच पूरी तरह आधी आबादी के हवाले रहा। कार्यक्रम का तीसरा सत्र सम्मान सत्र रहा,जिसमें समाज की बेहतरी के लिए ताउम्र संघर्ष करने वाले अभिभावक मनोहर पाल, महावीर प्रसाद पाल, चन्द्रमोहन पाल, रामचन्द्र पाल, जानकी भगत, रेशमी यादव, डॉ. रामकरण पाल, रामानन्द पाल, प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र प्रसाद जिज्ञासु एवं रविन्द्र नाथ उर्फ बड़क पाल को पाल समर्पण सम्मान- 2022 के साथ अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न (कर्पूरी ठाकुर ) भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही बिहार लोक सेवा आयोग तथा अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले मेधावी श्वेता कुमारी, अभिजीत कुमार, प्रशांत कुमार, अमरजीत कुमार, कृष्ण कुमार, मनीष कुमार पाल, विपीन कुमार पाल, प्रशांत कुमार एवं राहुल राज आदि को पाल प्रतिभा सम्मान 2022 के साथ प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न (कर्पूरी ठाकुर) एवं संविधान की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में फोरम के कोषाध्यक्ष सत्य पाल तथा कार्यकारिणी सदस्य कुशेश्वर राउत, मनोज कुमार पाल, डॉ. रविशंकर पाल,भरत प्रसाद पाल,अरूण पाल, डॉ. वी. पी. त्यागी,शुभनारायण पाल, ब्रजेश रंजन पाल,धीरज कुमार के अलावे आलोक कुमार, बैजनाथ राम, रविन्द्र पाल, डॉ. धनजी पाल, डॉ. अजय कुमार पाल, कृति पाल,सुनीता पाल,पुष्पा कुमारी, इंदु प्रसाद, फूलदानी देवी,भागमनी देवी, शिवकुमारी देवी, वीणा पाल, डॉ. शीलू कुमारी, प्रताप पाल, रामचन्द्र मण्डल एवं भरत भूषण पाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से डॉ. बिनोद कुमार पाल तथा डॉ. दिनेश पाल ने किया ।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago