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किसानों के सोच और उनकी मानसिकता में आज बहुत बड़ा बदलाव हुआ है:डीएम

गोपालगंज(बिहार)डीएम गोपालगंज श्री प्रशांत कुमार सी एच ने दीप प्रज्वलित कर गोपालगंज जिला अंतर्गत दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी के साथ जिला कृषि पदाधिकारी श्री ललन कुमार सुमन, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण श्रीमती प्रियंका कुमारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री मनोरंजन कुमार एवं कृषि यंत्रीकरण मेला में आए सैकड़ो किसान आदि मौजूद रहे।डीएम ने संबोधित करते हुए बताया कि देश में पूर्व से देखा जाए तो किसानों के सोच और उनकी मानसिकता में आज बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। शुरुआत में किसान कृषि के लिए पहले पशुओं का प्रयोग करते थे परंतु आज कृषि में अब यंत्र का इस्तेमाल हो रहा है। इसके मुख्य सूत्रधार कृषि विभाग, कृषि यंत्रीकरण है जो निरंतर अपने प्रयास से अंतिम पायदान तक के किसानों को नई तकनीक ,नए बीज, नए-नए उपयोगी कृषि यंत्र आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने में निरंतर लगे हुए हैं। पहले रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड्स आदि के छिड़काव की तकनीक का जिक्र करते हुए उन्होंने ड्रोन तकनीक से कृषि क्षेत्र में छिड़काव को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि जिले में इस बार 220 एकड़ कृषि क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव कराया गया है। जिसके लिए कृषि विभाग बधाई का पात्र है। उन्होंने ने बताया कि 7 मार्च को लॉटरी के माध्यम से उत्सुक आवेदनकर्ता किसानों का पारदर्शी तरीके से चयन किया गया और आज सफल आवेदक किसानों को यंत्र खरीदने का मौका उपलब्ध कराया जा रहा है।इसके उपरांत डीएम ने कृषि मेला में कृषि यंत्रीकरण के स्टॉल का निरीक्षण किया। डीएम के हाथों चयनित किसानों को स्वीकृति पत्र का भी वितरण किया गया।डीएम से स्वीकृति पत्र प्राप्त कर किसान खुश दिखाई दिए।
कृषि यांत्रिकीकरण वर्ष 2024-25 का मेला जिला कृषि कार्यालय प्रांगण आयोजन किया गया है ताकि मेला के माध्यम से किसानों को नयी तकनीकी के साथ-साथ सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही अनुदान के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सके ।

बिहार सरकार कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए कृषि यांत्रिकीकरण योजना लायी गयी ताकि कम लागत में समय से खेती की जा सके।

जलवायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से नये कृषि यंत्र जैसे हैप्पी सीडर ,सुपर सीडर, जिरोटिलेज मशीन, स्ट्रॉ रिपर तथा स्ट्रा बेलर पर 80% अनुदान साथ ही 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40% से लेकर 80% प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।अब जिले में भी किसानों द्वारा जिरोटिलेज मशीन से धान एवं गेहूं की खेती की जा रही है, जो एक सराहनीय कदम है।जिरोटिलेज मशीन से लागत में कमी तथा समय से बुआई कार्य किया जाता है। वितीय वर्ष 2024-25 में कृषि यांत्रिकरण योजना अन्तर्गत निम्न प्रकार उपलब्धि प्राप्त की जायेगी।जिसमें राज्य योजना कृषि यंत्रीकरण में 2183 परमिट निर्गत किए गए इसके लिए 2,09,82,800 रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ और इसमें संभावित उपलब्धि एक करोड़ 79 लाख 13 हजार 600 हो सकती है।वहीं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन (व्यक्तिगत यंत्र) के लिए कुल निर्गत परमिट 378 है जिसके लिए प्राप्त आवंटन 2,01,49,000 जिसमें संभावित उपलब्धि 1,67,74,000 हो सकती है।

कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए निर्गत कुल सात परमिट इसके लिए प्राप्त आवंटन 28,00,000 है और इसमें उपलब्धि 2793000 रूपये की है।कृषि यंत्र बैंक के लिए निर्गत परमिट दो हैं जिसमें प्राप्त आवंटन16,00,000 और उपलब्धि 16,00,000 की है।इस प्रकार कुल निर्गत परमिट 2570 जिसके लिए प्राप्त आवंटन 4,55,31,800 रुपये में कुल संभावित उपलब्धि 3,90,81,200रुपये
और कुल संभावित उपलब्धि 85.83% है।वहीं जिले के सभी किसानों को शुद्ध प्रमाणित बीज प्राप्त हो सके इसके लिए 50% अनुदानित दर पर जिला के लक्ष्य से अधिक प्रमाणित बीज लगभग 12000 क्यूंटल वितरण किया गया है।
जिले में प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु हथुआ अनुमण्डल में 600 हे० प्रक्षेत्र के लिए 600 क्यूंटल आधार बीज निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है।
गरमा 2024-25 में किसानों को मूंग, उरद, तिल, सुर्यमूखी एवं मुंगफली का बीज 80% अनुदान पर वितरित किया जा रहा है। पोषक अनाज के तहत गरमा चीना एवं महुआ का प्रत्यक्षण प्रत्येक प्रखण्ड में 25 किसानों का कलस्टर बनाकर खेती कराया जा रहा है।बिहार सरकार द्वारा प्रत्यक्षण कार्यक्रम के चयनित किसानों को निःशुल्क बीज एवं उपादान उपलब्ध करा रही है साथ ही प्रोत्साहन स्वरूप 2000 रूपये नगद राशि भुगतान किया जायेगा।