Home

नवाचार व प्रौद्योगिकी के उपयोग से कृषि क्षेत्र में होगी गुणात्मक प्रगति: प्रो. टंकेश्वर कुमार

हकेवि में राष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन
नाबॉर्ड के अध्यक्ष डॉ. जी.आर.चिंतला व आईआईएफपीटी के निदेशक डॉ.सी आनंधर्माकृष्णनन ने किया संबोधित

महेंद्रगढ़(हरियाणा)भारत में कृषि क्षेत्र के विकास में गुणात्मक वृद्धि के लिए आवश्यक है कि हम इस क्षेत्र के लिए उपयोगी नवाचार को बढ़ावा दे और जमीनी स्तर पर प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करें।

कृषि व इससे संबंद्ध क्षेत्रों के विकास से देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान की जा सकती है। सीधे तौर पर कहें तो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों का योगदान महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें इस दिशा में अब नए शोध व तकनीकी विकास की प्रक्रिया को प्रोत्साहन देते हुए आगे बढ़ाना होगा और इस कार्य में शिक्षण संस्थानों व उद्योग जगत के बीच आपसी सांझेदारी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सेंटर फोर इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेल (सीआईआईसी), डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग व राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेशनल बैक फोर एग्रीकल्चर एंड रूलर डेवलपमेंट (नाबॉर्ड) के अध्यक्ष डॉ.जी.आर.चिंतला, विशिष्ट अतिथि के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी (आईआईएफपीटी), तमिलनाडु के निदेशक डॉ.सी आनंधर्माकृष्णनन तथा विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, भोपाल के डॉ.मनोज कुमार त्रिपाठी व जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी काकीनाडा, आंध्र प्रदेश के डॉ.शशिकांत सारंनगम उपस्थित रहें।

इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर इन एग्रीकल्चर एंड एलॉयड सेक्टर विषय पर केंद्रित इस राष्ट्रीय वेबिनार की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात् सीआईआईसी की कनविनर प्रो.सुनीता श्रीवास्तव ने सेंटर के माध्यम से नवाचार के विकास में जारी प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके विकास से ही हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकते हैं, जिसके लिए आवश्यक है कि हम इस क्षेत्र में नवाचार व तकनीकी स्तर पर नए बदलावों को लागू करें।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि व स्वास्थ्य आज के समय में ऐसे दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें होने वाले विभिन्न तकनीकी बदलावों व नए प्रयोगों को लागू करने की प्रक्रिया अन्य क्षेत्रों की अपेक्षाकृत तेज रहती है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के सहयोग से इन क्षेत्रों के विकास में उल्लेखनीय प्रयासों को अंजाम दिया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.जी.आर.चिंतला अपने संबोधन में कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास में नई खोज व प्रौद्योगिकी का विकास अहम भूमिका अदा कर रहा है और इस कार्य में शैक्षणिक मोर्चे पर जारी प्रयासों की जितनी सराहना करें वह कम है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को इस दिशा में जारी एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया और कहा कि अवश्य ही इसके माध्यम से शोध के नए विचारों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है और अमृत काल के लिए तैयार है ऐसे में कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों का विकास हमें हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति में बेहद मददगार साबित होगा। डॉ.चिंतला ने इस अवसर पर नाबॉर्ड के प्रयासों की जानकारी भी विस्तार से दी। इसी क्रम में आईआईएफपीटी के निदेशक डॉ.सी आनंधर्माकृष्णनन ने खाद्य संरचना व इससे संबंधित तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डाला और इस दिशा में जारी विभिन्न प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी।
वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर, स्टेटस, चैलेंजेस एंड अपोच्युनिटीज विषय पर केंद्रित प्रस्तुति के माध्यम से इस क्षेत्र में हो रहे बदलाव व इससे जुड़ी संभावनाओं पर विचार व्यक्त किया। आयोजन में सम्मिलित विशेषज्ञ वक्ता डॉ.शशिकांत सारंनगम ने कृषि आधारित खाद्य क्षेत्र में नवाचार व प्रौद्योगिकी के विकास पर केंद्रित विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से इस क्षेत्र में नए अवसर विकसित हो रहे है और इसमें विकास की संभावनाएं उपलब्ध है। वेबिनार के अंत में सुश्री रेणुका ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ.राजेश कुमार दुबे, एनएसएस ईकाई के कोऑर्डिनेटर डॉ. दिनेश चहल, डॉ.मनीष कुमार, डॉ. मुरलीधर नायक, डॉ. तेजपाल ढेवा, इंजीनियर निशान सिंह, इंजीनियर अक्षत कांत व शिवम कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

छपरा में अंगीठी की आग से दर्दनाक हादसा:एक ही परिवार के तीन मासूमों सहित एक महिला की हुई दर्दनाक मौत

छपरा:बिहार के छपरा में भीषण ठंड और शीतलहर के कारण परिवार के सभी सदस्य एक…

12 hours ago

बिहार के छपरा में निजी नर्सिंग होम संचालक सहित दो अन्य कर्मियों पर दुष्कर्म के बाद हत्या का लगा आरोप

रेलवे लाइन किनारे शव मिलने से मचा हड़कंप, जांच में जुटी रेल पुलिस छपरा:बिहार के…

12 hours ago

योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित

50वीं सब जूनियर एवं जूनियर नेशनल योगा स्पोर्ट्स चैंपियनशिप छपरा:योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान…

13 hours ago

“टीचर ऑफ़ द मंथ” अवार्ड के लिए चयनित हुए बनियापुर के नवाचारी शिक्षक पिंटू रंजन

छपरा(बिहार)सारण जिले के बनियापुर प्रखंड अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालय धवरी में हिंदी विषय के शिक्षक…

13 hours ago

रटने की बजाय विषय की गहराई को समझना ही सच्ची शिक्षा: स्वामी अतिदेवानंद जी महाराज

छपरा:पढ़ाई केवल अंक प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन को संस्कारित और चरित्रवान बनाने…

3 days ago

बिहार के युवा खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी, मिलेगा खिलाड़ियों को आर्थिक सहयोग

पटना:बिहार पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से खेल समाचार में बताया गया है की बिहार…

5 days ago