पूर्णिया(बिहार)ग्रामीण इलाके के लोगों को महिलाओं और बच्चों के सही पोषण के लिए जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया द्वारा जिले के के.नगर प्रखंड के बिशनौली पश्चिम में पोषण चौपाल का आयोजन किया। स्थानीय मुखिया सुशील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित चौपाल में स्थानीय लोगों को गर्भावस्था के समय उचित पौष्टिक भोजन का उपयोग, नवजात शिशुओं को पहले छः महीने स्तनपान कराने, छः माह के बाद संतुलित आहार के उपयोग करने की जानकारी दी गई। आयोजित चौपाल में स्थानीय सीडीपीओ रजनी गुप्ता, केयर इंडिया डीटीएल आलोक पटनायक, केयर इंडिया प्रखंड समन्वयक शुभम श्रीवास्तव, यूनिसेफ से जिला पोषण समन्वयक देवाशीष घोष, वृंदा, ज्योति, मेघा सहित स्थानीय वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा व ग्रामीण उपस्थित रहे। चौपाल में मुखिया सुशील कुमार ने लोगों को माताओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सही पोषण के उपयोग करने की अपील की।
लोगों को महिलाओं के सही पोषण की दी गई जानकारी :
पोषण चौपाल में इलाके के लोगों को जानकारी देते हुए सीडीपीओ रजनी गुप्ता ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ्य जीवन के लिए जन्म से पूर्व से ही लोगों को ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए गर्भावस्था के समय से ही गर्भवती महिलाओं को उचित पोषाहार का उपयोग करना चाहिए। जिससे कि होने वाला बच्चा स्वस्थ्य व तंदुरुस्त हो। इस दौरान महिलाओं को खाने में संतुलन की आवश्यकता है। जिसमें उसे हर तरह के भोजन को शामिल करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भोजन में अनाज, दाल, दूध, हरि सब्जियां, ताजे फल, मांस, मछली, अंडे, चिकन, चिनिया बादाम, काजू आदि लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन खाने में आयरन और फॉलिक एसिड का सही मात्रा में लेना आवश्यक है। इसके उपयोग से उनका स्वास्थ्य तंदुरुस्त रहता जिससे होने वाले बच्चे स्वस्थ्य होते हैं।
बच्चों के जीवन के पहले 1 हजार दिन में सही पोषण की मिली जानकारी :
यूनिसेफ जिला पोषण समन्वयक देवाशीष घोष ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ्य जीवन के लिए उनके पहले 1000 दिन के दौरान मिलने वाले पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दौरान बच्चों को सभी तरह के पौष्टिक आहार का सेवन कराना चाहिए। शिशुओं को जन्म के 01 घंटे के भीतर ही स्तनपान शुरू कराना चाहिए। जन्म के बाद छः महीने तक शिशुओं को केवल माँ का दूध ही दिया जाना चाहिए। छः माह बाद से शिशुओं को अतिरिक्त पूरक आहार का सेवन कराना चाहिए जिससे कि शिशु स्वस्थ्य और तंदुरुस्त होगा।
बच्चों के जन्म के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी :
चौपाल को सम्बोधित करते हुए डीटीएल केयर आलोक पटनायक ने कहा कि बच्चों के सुरक्षित जन्म के लिए संस्थागत प्रसव कराना जरूरी है। सभी अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्स व एएनएम उपस्थित रहती जिनके द्वारा सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। संस्थागत प्रसव कराने से माँ और होने वाले बच्चे को किसी भी तरह की समस्या होने पर इसका तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इससे माँ और बच्चा सुरक्षित होते हैं। इसके साथ ही बच्चों के जन्म से माँ को और जन्म के बाद माँ और बच्चों को भी सही पोषण का उपयोग आवश्यक है जिससे कि वे स्वस्थ्य रह सकें। इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोग आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं से जानकारी ले सकते हैं। सही पोषण का उपयोग करने से ही माँ और बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे।
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