सहरसा(बिहार)जिले में एक्सीडेंटल एवं इमरजेंसी विभाग के लिए चिकित्सकों का प्रशिक्षण के माध्यम से पारंगत किया जा रहा है। प्रशिक्षण की शुरुआत 18 अप्रैल को हुई थी जो आगामी 28 अप्रैल तक चलेगी। जिले में एक्सीडेंटल एवं इमरजेंसी के आये मरीजों को बाहर न जाना पड़े, इसके लिए चिकित्सकों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण केयर इंडिया के सहयोग से हावर्ड ह्युमेटेरियन इनिशिएटिव द्वारा प्रदान किया जा रहा है। एक्सीडेंटल एवं इमरजेंसी के मरीजों को यथाशीघ्र समुचित चिकित्सीय सुविधा प्रदान किये जाने संबंधी यह प्रशिक्षण कई प्रकार की आधुनिक उपकरणों एवं मरीजों के लक्षणों संबंधी जानकारी के लिए डमी का उपयोग कर प्रदान किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण वर्जिनिया विश्वविद्यालय अमेरिका एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली से आये प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। जिसमें सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डा. अखिलेश प्रसाद, डा. मसरूर आलम, डा. जयंत आशीष, डा. अनुपम एवं ग्रेड- ए की नर्सों ने भाग लिया। इस मौके पर केयर की मेंटर गुंजन कुमारी भी मौजूद रहीं।
इमरजेंसी में आये मरीजों को मिलेगा लाभ:
बुधवार के प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी देते हुए अस्पताल अधीक्षक डा. एस. के. विश्वास ने बताया चिकित्सकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डिक लाइफ सपोर्ट के बारे में विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में चिकित्सकों के साथ-साथ ग्रेड- ए श्रेणी की नर्सों को भी यह प्रशिक्षण प्रदान किया जा गया। जिसकी सहायता से इमरजेंसी में आये मरीजों को तत्काल लाइफ सपोर्ट एवं अत्याधुनिक कार्डिक लाइफ सपोर्ट प्रदान किया जाएगा ताकि सदर अस्पताल में आये मरीजों का यहीं इलाज संभव हो पाये। उन्हें कहीं बाहर नहीं जाना पड़े। आकस्मिक इलाज के दौरान समय काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में आये मरीजों यदि तत्क्षण इस प्रकार की सुविधाऐं मिल जाती हैं तो उनकी जान बच सकती है। इसलिए केयर इंडिया के सहयोग से हार्वड ह्युमेटेरियन इनिशिएटिव द्वारा प्रदान किया जा रहा यह प्रशिक्षण कई मामलों में इमरजेंसी में आये मरीजों की जान बचाने में सहायक सिद्ध होगी।
प्रशिक्षण में उपयोग लायी जा रही नयी तकनीकी की मशीनें:
अस्पताल अधीक्षक डा. एस. के. विश्वास ने बताया चिकित्सकों को दिये जा रहे इस प्रशिक्षण में कई तरह के नये चिकित्सीय उपकरणों का उपयोग किया जा रहा। जिसकी विस्तृत जानकारी प्रशिक्षकों द्वारा चिकित्सकों को दी जा रही है। इन उपकरणों के उपयोग से मानव शरीर के भाइटल स्टेटस संबंधी सूचनाओं की उपयोगिता एवं तद्नुरूप मरीजों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सीय सुविधा का निर्धारण किया जाना भी इस प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आशा है कि इस प्रशिक्षण से चिकित्सकों सहित ग्रेड- ए श्रेणी की ए.एन.एम. इसका पूरा लाभ मरीजों को देने में सफल हो पायेंगी।
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