एमटीपी एक्ट- 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ माना गया वैध: मुख्य प्रशिक्षक
आईपास के सहयोग से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन: आरपीएम
पूर्णिया(बिहार)सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने तथा जनसमुदाय में जागरूकता लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व ग्रामीण स्तर की महिला कार्यकर्ताओं को एमटीपी एक्ट से संबंधित प्रशिक्षण देकर उनका क्षमतावर्धन किया जा रहा है। इसी को लेकर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) के द्वारा आईपास के सहयोग से राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित मुख्य भवन में सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय आशा समन्वयक प्रियंका कुमारी, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के डीसी विकास कुमार सहित सभी प्रतिभागी और प्रशिक्षक मौजूद रहे।
एमटीपी एक्ट- 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ माना गया वैध: मुख्य प्रशिक्षक
मुख्य प्रशिक्षक सह महिला रोग विशेषज्ञ डॉ पूनम प्रभा ने कहा कि वर्ष 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। दरअसल गर्भ समापन में बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। जिस कारण घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने की प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु तक हो जाती थी। जिसको रोकने के लिए वर्ष 1971 में एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण तथा सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कमी नहीं हो रही थी। एमटीपी एक्ट- 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया है। लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। इसलिए एमटीपी एक्ट में संशोधन किया गया। जिसमें 20 से लेकर 24 सप्ताह तक के गर्भ को नियम संगत शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।
आईपास के सहयोग से प्रशिक्षण शिविर का किया गया आयोजन: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक (आरपीएम) कैसर इक़बाल ने बताया कि के नगर पीएचसी की महिला चिकित्सक डॉ. प्रीति प्रिया और एएनएम,पूर्णिया पूर्व
पीएचसी की महिला चिकित्सक डॉ. नीलू भारती और एएनएम विभा कुमारी जबकि कटिहार जिले के कोढ़ा सीएचसी की महिला चिकित्सक डॉ.अंकिता नेहा और जीएनएम पूनम बाई को पूर्णिया की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ पूनम प्रभा और अपर्णा डे के द्वारा संयुक्त रूप से सुरक्षित गर्भ समापन एमटीपी एक्ट- 1971 को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। तीनों महिला चिकित्सा पदाधिकारियों को 12 दिन जबकि स्टाफ नर्स या एएनएम को 6 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आईपास के सहयोग संचालित किया जा रहा है।
बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…
2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…
भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…
सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…
On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…
20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…
Leave a Comment