मोतिहारी(बिहार)जिला मत्स्य कार्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय मत्स्य प्रत्यक्षण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ. नूतन ने कार्यक्रम में मौजूद मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी, गोडवा पंचायत के मुखिया राजू बैठा और विभिन्न प्रखंडों से आए मत्स्य पालकों का स्वागत किया।
डॉ. नूतन ने मत्स्य पालकों को केसीसी, राज्य योजना और केंद्र योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बायोफ्लॉक तकनीक से कम पानी और कम जगह में अधिक मत्स्य उत्पादन संभव है। 5000 वर्ग फीट के टैंक में छह महीने में चार टन मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ्लॉक टैंक की इकाई लागत 7.50 लाख रुपये तय की गई है। इस योजना में सामान्य वर्ग के लोगों को 40 प्रतिशत और महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
पुनः परिसंचरण मत्स्य पालन तकनीक (आरएएस) पर भी जानकारी दी गई। इस तकनीक से भी कम पानी और कम जगह में अधिक उत्पादन संभव है। आरएएस की इकाई लागत भी 7.50 लाख रुपये तय की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत इसमें भी सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत और महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
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