जिले में कुल 64 व्यक्ति संक्रमित, संक्रमण के समय भी स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाना कर्तव्य:
जिले में दिसम्बर माह तक 18+ सभी लोगों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराना पहली प्राथमिकता:
किशनगंज(बिहार)जिले में स्वास्थ्य विभाग मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। स्वाथ्य विभाग के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ हीं नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा, आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। शहर के रचना भवन के सभागार में सोमवार को जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। मासिक बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि प्रखंडवार कोविड टीकाकरण, मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव,अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। समीक्षा बैठक में कोरोना टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन के कार्यों पर मुख्य समीक्षा हुई। साथ हीं लक्ष्य अनुरूप टेस्टिंग तथा कोविड वैक्सीनेशन व मानक अनुसार ट्रीटमेंट का निर्देश दिया गया। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के होम आइसोलेशन में टेलीमेडिसिन समेत चिकित्सकीय सुविधा, मेडिकल किट व जांच, अवेयरनेस, सामुदायिक रसोई से भर्ती कोविड मरीजों के अटेंडेंट को खाना उपलब्ध करवाने आदि बिन्दुओं पर भी विस्तृत समीक्षा हुई।
शहरी क्षेत्रों में लक्ष्य का कुल 58.2% किया गया हैं टीकाकरण: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी के द्वारा जिले में दिसम्बर माह तक 18+ सभी व्यक्तियों का सम्पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसके आलोक में वर्तमान में कुल 19.1 % टीकाकरण किया गया है। वहीं जिले के शहरी क्षेत्रों में लक्ष्य का कुल 58.2% टीकाकरण किया गया है। समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट, डिजिटल एक्सरे , अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्लड बैंक, डिलीवरी रूम,40 शय्या वाले बच्चा वार्ड, सिटी स्कैन की सुविधा दी जा रही है। जिससे आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। माह जून में गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम में प्रसव पूर्व 4 जांच 66 % किया गया। जिले में जून माह में शिशु के टीकाकरण की उपलब्धि ओ पि वि में 27 %, बी सी जी टीकाकरण 50 %, एचईपी बी -0 118 %, पेन्टा 01 76 %, पेन्टा 03 – 74 %, तथा 74 %पूर्ण टीकाकरण किया गया है। बैठक में डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ. मुनाज़िम, जिला समन्वयक विश्वजीत कुमार, डबल्यूएचओ के डॉ अमित राव, इपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, केयर इंडिया के प्रशुनजीत प्रमाणिक जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक व लेखापाल आदि उपस्थित थे।
जिले में कुल 64 व्यक्ति हैं संक्रमित: सीएस
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया जिले की रिकवरी रेट अभी भी 99.01 है। जिले में कुल 606391 व्यक्तियों की कोविड जांच की गयी है जिसमें 10171 व्यक्ति संक्रमित पाए गये हैं। उसमें कुल 10, 080 व्यक्ति संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। संक्रमण से कुल 124 व्यक्ति की मौत भी हुई है। बैठक में विड-19 टीकाकरण के दूसरे डोज की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने जिले में प्रतिदिन 8920 योग्य व्यक्ति के टीकाकरण कराने का लक्ष्य के अनुसार सभी सत्र स्थलों पर कार्य करने का निदेश स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य पदाधिकारियों को दिया हैं। जिले में कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए टीकाकरण केन्द्रों में टीकाकरण अभियान जोर शोर से चल रहा है। वर्तमान में जिले में कुल 209722 लोगो को प्रथम डोज एवं 32960 व्यक्ति को दूसरी डोज़ का टीका लगाया गया है।
स्वास्थ्य सुविधा के साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर:
बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने व प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी की जानकारी दी गई। माह जून में पीपीआईयूसीडी लक्ष्य के अनुरूप कुल 60 % लक्ष्य प्राप्ति हुई है। आईयूसीडी 14% लक्ष्य प्राप्ति हुई। परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उपयुक्त माध्यम है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया हैं की चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी दें। आईयूसीडी लगाने के बाद महिलाओं के शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। महिलाएं चीर फाड़ के नाम पर बंध्याकरण से डरती हैं, उनके लिए आईयूसीडी बेहतर विकल्प है। सिविल सर्जन ने बताया प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व कभी भी आईयूसीडी को किसी सरकारी अस्पताल में लगवाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है तो इसके इस्तेमाल से सेहत को कोई नुकसान नहीं है।
बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…
2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…
भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…
सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…
On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…
20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…
Leave a Comment