Home

कोरोना से बचाव के लिए यूनिसेफ एवं फेथ ग्रुप ने धर्मगुरुओं से की अपील

कोरोना आपदा में धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर सतर्कता बरतें

पूर्णियाँ(बिहार)कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर संक्रमण पर रोकथाम के लिए समुदाय के सभी वर्गों की आपसी सहभागिता एवं सहयोग की जरूरत अधिक हो गयी है. इस लिहाज से कोविड-19 आपदा से मानव जीवन की सुरक्षा के लिए धार्मिक संगठनों के धर्मगुरुओं व प्रमुखों को जोड़ कर उनके सहयोग लिये जाने को भी वैश्विक स्तर पर तरजीह दी जा रही है. इस दिशा में यूनिसेफ़ और रिलिजंस फॉर पीस एंड ज्वाइंट लर्निंग इनिशिएटिव ऑन फेथ एंड लोकल कॉम्यूनिटीज के साझेदारी में कोविड 19 से बचाव को लेकर दिशानिर्देशों की एक श्रृखंला जारी की है. इस गाइडलाइन के माध्यम से सभी धर्म के समुदायों और उनके धर्मगुरुओं को कोविड 19 संक्रमण के आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक सलाह दिये गये हैं.

यूनिसेफ के वरिष्ठ सलाहकार डॉ केरिड मैकडोनॉल्ड ने बताया है यूनिसेफ के पास विभिन धार्मिक विश्वास वाले संगठनों और धर्मगुरुओं के साथ बच्चों और उनके परिवारों के लिए कार्य करने का लंबा इतिहास है. इस आपदा के बीच यह साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो गयी है. कोविड-19 के कारण बच्चों के अधिकारों पर संकट छाया है. इसलिए बच्चों के लिए बेहतर और सुरक्षित जीवन को फिर से तैयार करने की दिशा में काम करने की जरूरत है.

इस आपदा के कारण बड़े पैमाने पर सामुहिक तरीके से मनाये जाने वाले धार्मिक उत्सवों व पूजा कार्य प्रभावित हुए है. इतना ही नहीं अंतिम संस्कार, धार्मिक वस्तुओं का चुंबन व दूसरी सामान्य धार्मिक अनुष्ठानों व प्रथाओं आदि पर भी इस आपदा के कारण जनजीवन के स्वास्थ्य के लिए जोखिम है. यूनिसेफ के माध्यम से धार्मिक संगठनों द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के माध्यम से विभिन्न धार्मिक कार्यों को ठोस दिशा प्रदान करना उद्देश्य है. साथ ही वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारियों को धार्मिक शिक्षा को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है.

धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अभ्यास:

मार्गदर्शिका के माध्यम से सामुहिक प्रार्थना सभाओं व अनुष्ठानों के अभ्यास के लिए हम कैसे इकट्ठा होते हैं, इसे ध्यान में रख धार्मिक गुरु पूजन कार्य सहित मृत्यु और शोक अनुष्ठानों सहित अन्य धार्मिक संस्कार से जोड़ते हुए किस प्रकार समुदाय की सुरक्षा और भलाई को सुनिश्चित कर सकते हैं, इसकी विशेष जानकारी दी गयी है.

भेदभाव को समाप्त के लिए संवाद:
इस गाइडलाइन के माध्यम से अफवाहों, भय, निराशा, कलंक और भेदभाव के कुछ महत्वपूर्ण कारकों और नकारात्मक प्रभावों की रूपरेखा तैयार की गयी है और धर्मगुरुओं को इन चुनौतियों से निपटने की जानकारी देते है.

अधिक जोखिम वालों समूहों की मदद:
गाइडलाइन के माध्यस से बुजुर्ग, बेघर, प्रवासी, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं, बच्चे आदि जिनका जीवन इस संक्रमण के कारण अधिक जोखिम में हैं, की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. मार्गदर्शिका के माध्यम से इन समूहों को विशिष्ट आवश्यकताओं और सहायता प्रदान करते हुए उनमें और एकजुटता और सामुदायिक भावना के साथ उम्मीद बनाये रखने की बात कही गयी है.

धार्मिक अनुष्ठानों में नियमों के पालन पर बल:

गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक अनुष्ठान व समारोहों, अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठनों द्वारा दिये गये शारीरिक दूरी रखने व अन्य नियमों का पालन करें. लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए समुदाय में आयोजित होनी वाली वैवाहिक व जन्म से जुड़ी सामाजिक प्रथाएं व अनुष्ठानों के दौरान उन नियमों का पालन करने की भी सलाह दी गयी है.साथ ही स्वच्छता व सफाई से जुड़ी आदतों को समुदाय में होने वाली धार्मिक सभाओं में जोर देने एवं धार्मिक ग्रंथों में सफाई से संबंधित दी बातों को प्रमुखता से बताते हुए पवित्रता के महत्व को इंगित करने पर बल दिया गया है.

आध्यत्मिक रूप से सबल बनाने के लिए प्रोत्साहन:

दिशानिर्देश में घर व परिवार में संक्रमण व आपदा के मुद्दों के समाधान के हल निकालने के लिए परस्पर संवाद करने की बात कही गयी है. साथ ही राष्ट्रीय नीति-निर्माण में व्यापक सामुदायिक सहभागिता की आवाज को बुलंद करने पर भी जोर दिया गया है. यह बताया गया है कि सभी लोगों की गरिमा और अधिकारों को बनाए रखने के लिए रोग के संचरण से जुड़े कलंक और भेदभाव को दूर रखने के लिए धर्म के माध्यम से समुदाय को प्रेरित करने एवं माता-पिता, बच्चों, बुजुर्गों के आध्यात्मिक और भावनात्मक देखभाल में मदद करने की भी जरूरत है. उन्हें शांति व उम्मीद का माहौल मुहैया कराने में मदद करने एवं बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य, विकास, संरक्षण और उनके सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की बात भी कही गयी है. यह भी कहा गया है कि युवाओं के अनुकूल संचार और जुड़ाव सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल को लेकर बातें बतायी जायें. शारीरिक दूरी व नियमों के पालन सोशल मीडिया को एक संचार का बेहतर मंच बनाया जाये.

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

4 weeks ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago