हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ अध्ययन-अध्यापन व शोध के साथ-साथ सदैव समाज व देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन को लेकर संकल्पबद्ध है। बात चाहे संकट के समय में विद्यर्थियों की पढ़ाई व सुरक्षा को या फिर स्थानीय गाँवों में इस महामारी के प्रति जागरूकता की, विश्वविद्यालय लगातार इस दिशा में अनवरत प्रयासरत है। यह कहना है हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ का। कुलपति आगे कहते है कि इस विश्वविद्यालय की प्रगति की एक अहम वजह की यह रही है कि विश्वविद्यालय अपने मूल उद्देश्यों के निर्वहन के साथ-साथ सामाजिक कर्त्तव्यों को पूरी ऊर्जा के साथ निभाने का प्रयास किया है।
कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने बताया कि कोविड-19 महामारी देश के शिक्षण संस्थानों के समक्ष इस तरह की स्थिति से बचाव और राहत की दिशा में शोध व अध्ययन का अवसर लाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों का अनुसरण करते हुए और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री (डॉ.) रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ के निरंतर प्रयासों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इस महामारी के कारण उत्पन्न हुए अवसरों को लेकर सजग है और हमारी कोशिश है कि जल्द ही इस दिशा में अध्ययन व शोध कार्य शुरू हो। कुलपति ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब हम समाज हितैषी सोच के साथ शोध व अध्ययन के पक्ष में आगे बढ़ रहे है। इससे पूर्व में राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला की ओर से आये जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन के सुझाव पर भी हमारे संकाय सदस्य कार्यरत है और अवश्य ही जल्द इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रो. कुहाड़ ने बताया कि जहाँ तक जागरूकता की बात है तो कोविड-19 के प्रति जागरूकता की दिशा में विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों के अलावा इस क्षेत्र में बैनर व पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
इससे पूर्व में भी विश्वविद्यालय, स्थानीय लोगों को वित्तीय जागरूकता अभियान, लीगल एड अभियान, स्वच्छता अभियान, फिट इंडिया मूवमेंट आदि प्रयासों के माध्यम जोड़कर देश की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता रहा है। कुलपति ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि देश, राज्य, जिले व समाज की बेहतरी के हर प्रयास में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि अब भी कोविड-19 महामारी को लेकर विश्वविद्यालय बड़ा सवंेदनशील है और बॉयोलोजिकल डिजास्टर मैनेंजमेंट विषय पर गहन चर्चा चल रही है। विश्वविद्यालय जल्द ही इससे संबंधित कोर्स शुरू करने के लिए प्रयासरत है। यह भी संभव है कि आमागी 04 मई को वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की बैठक में इस विषय पर चर्चा हो।
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