पूर्णिया(बिहार)जिले में 23 दिसंबर से 26 दिसंबर तक विटामिन ए खुराक अभियान चलाया जाना है. इसको लेकर सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों को सदर अस्पताल के जिला प्रतिरक्षण सभागार में प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि विटामिन ए टीका 09 माह से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को मिलना जरूरी है. विटामिन ए की कमी ही शिशु मृत्यु दर की मुख्य वजह होती है. इसलिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को इसकी खुराक प्रत्येक बच्चों तक पहुँचाना अनिवार्य है. इसके लिए प्रत्येक 6 माह में अभियान चलाया जाता है. इस बार भी हमें सभी बच्चों तक विटामिन ए की खुराक पहुँचाना है. जिले में लक्षित बच्चों की कुल संख्या 6.50 लाख है. बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस अभियान की शत प्रतिशत सफलता जरूर पूरी होनी चाहिए. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल सर्जन के साथ अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस के वर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस सी पासवान, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम संजय दिनकर, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला के साथ अभी प्रखंडों के एमओआईसी, बीएचएम व बीसीएम उपस्थित रहे.
प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण :
विटामिन ए अभियान को संचालित करने के लिए प्रखंड स्तर पर भी सभी स्वास्थ्य कर्मियों जिनमें आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं शामिल होंगी, उनका प्रशिक्षण किया जाएगा. प्रशिक्षण में बच्चों को विटामिन ए के खुराक देने की जानकारी दी जाएगी. 4 सामान्य दिन व एक अतिरिक्त दिन के इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी 2 दिन गृह भ्रमण व 2 दिन आंगनवाड़ी केंद्रों या टीकाकरण स्थल पर बच्चों को विटामिन ए खुराक पिलायेंगे. एक अतिरिक्त दिन में घर-घर जाकर छूटे हुए सभी बच्चों को खुराक दी जाएगी. ऐसे बच्चे जो 6 माह के अंदर विटामिन ए की दवा ले चुके हैं और जो बच्चे सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित हैं उन्हें विटामिन-ए की खुराक नहीं दी जानी है. खसरा संक्रमित बच्चों को विटामिन ए की दुगुनी खुराक देनी है. अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को सभी घरों के साथ ही दलीय व मलीन बस्तियों तक भी जाकर बच्चों को टीकाकृत कराने का निर्देश सिविल सर्जन द्वारा दिया गया है. इसके अलावा दुर्गम स्थलों में सिविल सर्जन द्वारा अतिरिक्त टीकाकरण स्थल बनाने का निर्देश दिया गया है.
विटामिन ए की कमी से होता है रतौंधी व अंधापन :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र पासवान ने बताया कि विटामिन ए की कमी से बच्चों में रतौंधी व अंधापन की समस्या हो जाती है. डब्लूएचओ के अनुसार विश्व में करीब 2.5 लाख बच्चे प्रतिवर्ष विटामिन ए की कमी से अंधेपन के शिकार होते हैं. इससे बचने के लिए 09 माह से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को प्रत्येक 06 माह में विटामिन ए का टीका दिया जाना चाहिए. विटामिन ए बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाने के साथ ही उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक होता है.
विटामिन ए की कमी दूर करने के लिए इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन :
प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ पासवान ने कहा कि लोगों को विटामिन ए की कमी दूर करने के लिए संतुलित मात्रा में खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. साग व हरी सब्जियों में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है. कदीमा विटामिन ए के स्त्रोत के लिए उत्तम सब्जियों में से एक है. गांव में कुम्हड़े की सब्जी भी पाई जाती है जिसके छिलकों को चबाकर खाने चाहिए जिसमें विटामिन ए की प्रचुरता होती है. इसके अलावा दूध, अंडा, कलेजी इत्यादि भी विटामिन ए के लिए लाभदायक होता है.
अभियान में कोविड प्रोटोकॉल का रखना है ध्यान :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस के वर्मा ने बताया कि विटामिन ए टीकाकरण अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखना है. उन्हें मास्क, ग्लव्स का इस्तेमाल करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखना जरूरी है. स्वास्थ्य कर्मी किसी दूसरे का संपर्क न करते हुए दवा परिजनों को देते हुए अपने सामने उनका सेवन करवाना है.
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