पूर्णिया(बिहार)कैंसर एक भयावह बीमारी है जिससे लोगों की जान को खतरा रहता है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस का आयोजन किया जाता है। पूर्णिया जिले में कैंसर रोगियों की आवश्यक जांच व इलाज के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर कार्यरत है जहां संभावित कैंसर मरीजों की आवश्यक जांच की जाती है। इसके लिए ओपीडी में कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहते हैं।ओपीडी में कैंसर ग्रसित मरीजों की पहचान होते ही उन्हें विशेष इलाज के लिए कैंसर अस्पताल भेजा जाता है जहां मरीजों को पर्याप्त इलाज उपलब्ध कराकर उन्हें कैंसर से मुक्त कराया जाता है।
मुख्यतः तीन तरह के कैंसर से ग्रसित होते हैं लोग
जीएमसीएच कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर की कैंसर विशेषज्ञ डॉ. हर्षिता चौहान ने बताया कि सामान्य तौर पर लोग तीन तरह के कैंसर से ग्रसित हो सकते हैं- मुँह का (ओरल) कैंसर, स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर एवं गर्भाशय मुँह (सर्वाइकल) कैंसर। किसी भी इंसान द्वारा विभिन्न प्रकार के तम्बाकू का सेवन ओरल कैंसर होने का कारण बनता है। महिलाओं की बढ़ती उम्र, छोटी उम्र में पहला मासिक धर्म का होना,पहला प्रसव 30 साल की उम्र के बाद होना,कोई बच्चा न होना,महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को दूध न पिलाना,देर से मासिक धर्म का रूकना,मद्यपान करना,हार्मोनल इलाज करवाना,परिवारिक इतिहास में स्तन कैंसर ग्रसित सदस्य का होना आदि महिलाओं के स्तन कैंसर का प्रमुख कारण होता है। गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के कारणों में लैंगिक गतिविधि की जल्द शुरुआत,छोटी उम्र में विवाह,20 साल की उम्र से पहले गर्भधारण,थोड़े समय के अंतर पर बहुत बार गर्भवती होना,जननांगों की अच्छी सफाई न होना,जननांग नली संक्रमण खासकर ह्यूमन पापिलोमा वायरस (एचपीभी) संक्रमण, तम्बाकू की लत आदि हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को कैंसर के ऐसे लक्षणों की जानकारी मिलती है तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर जांच शुरू होने से इसका इलाज किया जा सकता है और लोग कैंसर मुक्त हो सकते हैं।
ओरल कैंसर के लक्षण
• मुँह में छाले व सफेद दाग का होना
• मुँह का खुलना कम हो रहा हो
• तीखा खाने से मुँह में जलन का होना
स्तन कैंसर के लक्षण
• स्तन के अंदर या काँख में गांठ होना
• स्तनाग्र (निपल) से स्राव आना
• स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव (गड्ढा आना, सिकुड़ना/छिलना)
• स्तनाग्र की दिशा में बदलाव-अंदर की ओर खिंचना
गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के लक्षण
• मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव
• संभोग के बाद रक्तस्राव होना
• रजोनिवृत्ति (मासिक रुकना) के बाद रक्तस्राव
• अनियमित भारी मासिक धर्म
• योनि से असाधारण रक्त के धब्बों के साथ स्राव निकलना
• बिना कारण कमजोरी, थकान, वजन कम होना
संभावित कैंसर मरीजों को विशेष जांच एवं इलाज के लिए भेजा जाता है बाहर
कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर के साइकोलोजिस्ट डॉ. पल्लव ने बताया कि कैंसर के संभावित मरीज मिलने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए होमि भाभा कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर (एचबीसीएच) मुजफ्फरपुर के साथ ही देश के अन्य विभिन्न कैंसर अस्पतालों में भेजा जाता है। वहां कैंसर के मरीजों का विशेष इलाज किया जाता है।उन्होंने बताया कि कैंसर की शुरुआती समय में पहचान होने से इसका इलाज आसानी से हो सकता है।कैंसर के तीसरे स्टेज पार होने पर इसके इलाज में मुश्किलें बढ़ जाती हैं और जान का खतरा होता है। इसलिए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर जांच अवश्य करवाना चाहिए।
विश्व कैंसर दिवस पर स्वास्थ्य केंद्रों में होगी विशेष स्क्रीनिंग
जिला गैर संचारी रोग के वित्तीय सलाहकार केशव कुमार ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कैंसर के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,कसबा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बनबनखी में विशेष कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया जाएगा जहां क्षेत्र के संभावित कैंसर मरीजों की जांच करते हुए उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जायेंगी ।
कैंसर से सुरक्षा के लिए संतुलित खान-पान जरूरी
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने कहा कि आजकल बाजार में पाए जा रहे अधिकतर खाद्य पदार्थ ज्यादातर केमिकल्स के मिश्रण से बना होता है। इन खाद्य पदार्थों के अधिक इस्तेमाल से कैंसर को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन करते हैं जो मुँह के कैंसर का मुख्य कारण है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार,वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार, हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है।इनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों के उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। इसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।
जीएमसीएच कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में जनवरी तक 3243 मरीजों की हुई स्क्रीनिंग
जीएमसीएच कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर की डीटीओ डॉ. हर्षिता चौहान ने बताया कि 22 नवंबर 2022 से जीएमसीएच के ओपीडी में संभावित कैंसर मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 31 जनवरी 2023 तक ओपीडी में 3 हजार 243 मरीजों की स्क्रीनिंग हुई है जिसमें से 1 हजार 504 पुरूष और 1 हजार 739 महिला हैं। इनमें से 404 ओरल कैंसर, 09 ब्रैस्ट कैंसर एवं 02 सर्वाइकल कैंसर के संभावित मरीज मिले। उन सभी मरीजों का नियमित रूप से फॉलोअप किया जा रहा है। इनमें से भी 118 ओरल कैंसर, 05 ब्रैस्ट कैंसर एवं 02 सर्वाइकल कैंसर के ऐसे मरीज हैं जिनके कैंसर ग्रसित होने की संभावना ज्यादा है। ऐसे मरीजों की रिपोर्ट निश्चित होने पर उन्होंने बेहतर इलाज के लिए कैंसर विशेषज्ञ अस्पताल भेज दिया जाएगा।
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