सहरसा(बिहार)सोमवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। प्रत्येक वर्ष विश्व मलेरिया दिवस मनाये जाने का उद्देश्य लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता लाना है। ताकि लोग इस जानलेवा बीमारी के बारे में जानें एवं इससे बचने के लिए आवश्यक उपायों को अपनायें। इस वर्ष मलेरिया दिवस मनाने जाने का थीम है नवाचार का उपयोग।मलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है। समय से उपचार न होने की स्थिति में जानलेवा हो सकती है।इससे बचाव के आसान तरीकों का उपयोग इस जानलेवा बीमारी से बचाव का महत्वपूर्ण तरीका है।बचाव हर हालात में बीमारी के शिकार होने से बेहतर है।
जागरूकता फैलाना मलेरिया दिवस का मुख्य उद्देश्य:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार ने विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर बताया मलेरिया एक वाहक जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भयंकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम समूह के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है जो चार प्रकार के होते हैं। विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट कराना है। इस दिवस पर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करना है ताकि मलेरिया से उनकी जान बचायी जा सके। सरकार द्वारा मलेरिया निवारण और नियंत्रण के लिए सतत् उपाय किये जाते रहें हैं जो आगे भी जारी रहेंगे। हलांकि पिछले कुछ वर्षों में मलेरिया से हुई मौतों में काफी कमी आयी है। लेकिन इस कमी के बावजूद हम इस जानलेवा बीमारी की अनदेखी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा यह कमी लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता की वजहों से ही हो सका है। इसलिए वर्ष में एक बार मलेरिया दिवस मनाते हुए लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
नवाचारों के उपयोग:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया इस वर्ष मनाये जा रहे विश्व मलेरिया दिवस का थीम है- मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें। इस पूरे वर्ष में मलेरिया से वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचारों की ओर ध्यान आकर्षित कराना है। मलेरिया के लक्षणों में बताते हुए डा. कुमार ने बताया बुखार आना, कपकपी, जोड़ों मे दर्द, उल्टी, रक्त अल्पतता, पेशाब में हीमोग्लोबिन आदि शामिल हैं। मलेरिया का सबसे प्रमुख लक्षण अचानक तेज कपकपी के साथ ठंड लगना, जिसके फौरन बाद बुखार का आना है। 4 से 6 घंटे बाद बुखार उतर जाता और शरीर से पसीना छूटता है। यह पूरी प्रक्रिया 36 से 48 घंटे में होती है।
हर हाल में बेहतर है बचाव के तरीके अपनाना:
मलेरिया से बचने के उपायों के बारे में उन्होंने बताया जैसा कि हम जान चुके हैं कि यह मच्छरों के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इसलिए इलाज से बेहतर बचाव के तरीकों को अपनाकर हम मलेरिया से बच सकते हैं। वैसे जगहों जहाँ मच्छरों का अत्यधिक प्रकोप है शरीर को पूरी तरह ढ़कने वाले वस्त्रों का उपयोग करें ताकि मच्छर काट न सके। घर के दरवाजों, खिड़कियों एवं कोनों में मच्छरनाशक दवाओं का स्प्रे करें। घर के आस-पास साफ-सफाई करें। मच्छरों के पनपने का मुख्य कारण घरों के आस-पास पानी का जमाव है। इस प्रकार जलजमाव को नष्ट करें। साथ ही घरों के आस-पास गंदगी न फैलायें, इनसे भी मच्छरों के पनपने का खतरा बना रहता है।
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