तम्बाकू सेवन से ही होती है खतरनाक बीमारियों की शुरुआत
युवाओं में तम्बाकू सेवन की समस्या खत्म करना चुनौतीपूर्ण
सरकार द्वारा तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए तय किया गया है कानून
तम्बाकू सेवन के जड़ से खात्मे के लिए खुद से शुरुआत जरूरी
पूर्णियाँ(बिहार)बहुत से खतरनाक बीमारियों की शुरुआत के पीछे तम्बाकू का सेवन मुख्य कारण होता है. तम्बाकू के सेवन के प्रति रूचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है. तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है. इसलिए इसको रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.इसकी शुरुआत डब्लूएचओ द्वारा 1987 में की गयी थी, इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है. इस वर्ष के तम्बाकू निषेध दिवस की थीम, ‘‘युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू-निकोटीन के उपयोग से रोकना” रखी गयी है.
खतरनाक बीमारियों की शुरुआत का जड़ है तम्बाकू
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया कई खतरनाक बीमारियों की शुरुआत तम्बाकू सेवन से होती है. सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाने वाली कैंसर भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है, फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है. क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की प्रभावना ज्यादा होती है.
दुनियाँ में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है. खैनी, पुड़िया, जर्दा, पिलापत्ति आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है. इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है.
तम्बाकू नियंत्रण के लिए शुरुआत खुद से करना जरूरी
तम्बाकू नियंत्रण की शुरुआत सभी लोगों को खुद से या अपने आस पास से करनी चाहिए. जब आप खुद इसके बारे में जागरूक रहेंगे तो लोगों को जागरूक करना आसान हो जाएगा. लोग आपकी बातें तभी गंभीरता से लेंगे जब आप खुद उसे फॉलो करेंगे. इसके साथ ही लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाले बीमारियों की भी जानकारी होना जरूरी है. बहुत से लोग तो जान कर भी अनजान बने रहते हैं और तम्बाकू सेवन करते है पर ऐसी स्थिति में अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो इसकी समस्या उनके परिवार को उठानी पड़ती है. इसलिए लोग तम्बाकू सेवन से जितना दूर रहें उनके लिए, उनके बच्चों के लिए व आसपास के समाज के लिए यह बेहतर हो सकता है.
रोकथाम के लिए कोटपा अधिनियम
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. भी.पी. अग्रवाल ने बताया लोगों में तम्बाकू की बढ़ती लत को रोकने के लिए सरकार द्वारा भी ठोस कदम उठाए गए हैं. तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम बनाया गया है जिसे कोटपा कहा जाता है. इसके द्वारा सरकार लोगों को तम्बाकू निषेध को अपनाने को लेकर जागरूक करती है और अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन करते हुए पाया जाता है तो कानून द्वारा उन्हें दंड भी दिया जाता है. इसके अलावा अभी कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर तम्बाकू सेवन करते हुए या थूकते हुए पाया जाता है तो उसे आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान लागू किया गया है.
तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है (धारा – 4)
तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है (धारा- 5)
18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है (धारा- 6)
बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है (धारा- 7)
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