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आंगनबाड़ी केंद्रों का जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने किया निरीक्षण

  • साफ-सफाई और जरूरी व्यवस्था का लिया जायजा
  • कोरोना संक्रमण की पहचान व रोकथाम को दिया दिशा-निर्देश
  • आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिए अभिभावकों से किया विमर्श

पूर्णिया(बिहार)कोरोना संक्रमण काल से राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बन्द हैं। केंद्रों के बन्द होने के बाद भी सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा अपने पोषक क्षेत्र का नियमित भ्रमण कर सभी महिलाओं और शिशुओं को आवश्यक सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। आईसीडीएस निदेशक, बिहार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को जिले में महिला पर्यवेक्षकों की उपस्थिति के साथ क्षेत्र भ्रमण करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का अनुश्रवण करना है। उक्त निर्देश का पालन करते हुए पूर्णिया जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) शोभा सिन्हा ने श्रीनगर प्रखंड के खोखा उत्तर पंचायत के वार्ड 08 और खोखा दक्षिण पंचायत के वार्ड 5, 6 एवं 07 का निरीक्षण किया गया। इस दौरान डीपीओ ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया एवं केंद्र खोलने के लिए स्थानीय अभिभावकों से विमर्श भी किया । निरीक्षण में राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया भी उपस्थित रहीं।

आंगनबाड़ी केंद्रों व आसपास की सफाई का लिया जायजा :
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शोभा सिन्हा ने प्रखंड के सेक्टर 3 में उपस्थित आंगनबावाड़ी केंद्रों और केंद्र के आसपास की सफाई का जायजा लिया। इस दौरान शोभा सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य का तंदुरुस्त होना बेहतर साफ सफाई से ही सम्भव होता है। कोरोना काल में सभी आंगनबाड़ी आंगनवाड़ी केंद्र केवल केंद्र आने वाले शिशुओं के लिए ही बन्द था। सभी सेविकाएँ अपने केंद्र और पोषक क्षेत्र का नियमित निरीरक्षण करती रही हैं है। ऐसे में उन्हें केंद्र और इसके आसपास की सफाई का खयाल रखना जरूरी है। डीपीओ द्वारा निरीरक्षण में सभी आंगनबावाड़ी केंद्रों पर समुचित साफ-सफाई पाई गई। डीपीओ ने सभी सेविकाओं और सहायिकाओं को साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया।

केंद्रों में साबुन-पानी की उपलब्धता जरूरी :

निरीरक्षण के दौरान डीपीओ ने सभी आंगनबावाड़ी केंद्रों पर साबुन-पानी की समुचित व्यवस्था की का भी जांच की किया। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी व्यक्तियों को नियमित हाथों की सफाई बहुत जरूरुरी है। केंद्र के बन्द होने पर भी आंगनबावाड़ी सेविकाएँ नियमित रूप से केंद्रों पर उपस्थित रहती हैं। इसके अलावा भी विशेष जरूरतों पर केंद्र में आमलोगों की उपस्थिति होती रहती है। ऐसे में आंगनबावाड़ी केंद्रों पर हाथों की सफाई के लिए साबुन एवं पानी का उपलब्ध होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने सभी आंगनबावाड़ी केंद्रों पर इसकी व्यवस्था का निरीरक्षण किया और आगे भी इस सुविधा को सभी केंद्रों पर हमेशा उपलब्ध रखने का निर्देश दिया।

कोरोना संक्रमण की पहचान व रोकथाम हेतु दिया दिशा-निर्देश :

निरीरक्षण में डीपीओ ने सभी सेविकाओं से उनके पोषक क्षेत्र में कोविड-19 की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सभी सेविकाओं से कोरोना संक्रमण की पहचान एवं उसकी रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने की जानकारी दी। उन्हें कहा कि कोरोना संक्रमण अभी भी किसी को हो सकता अपना शिकार बना सकता है। ऐसे में सेविकाएँ नियमित क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को इससे बचने के लिए जरूरुरी उपायों की जानकारी देती ते रहें। अभी भी इससे बचाव के लिए लोगों को पूरी तरह मास्क का प्रयोग, सैनिनीटाइजर या साबुन से हाथों की नियमित सफाई के लिए जागरूक करना जरूरी है। संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए लोगों को इसके प्रति लापरवाही नहीं बरतने के लिए जागरूक करते रहें।

आंगनबावाड़ी केंद्र खोलने के लिए अभिभावकों से किया विमर्श :

क्षेत्र भ्रमण के साथ ही डीपीओ शोभा सिन्हा ने आंगनबावाड़ी केंद्र पर पंजीकृत बच्चों के कोविड संक्रमण की जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने क्षेत्र में उपलब्ध शिशुओं के अभिभावकों से भी आंगनबावाड़ी केंद्रों के खोलने पर विचार- विमर्श किया। क्षेत्र के बहुत से लोगों ने आंगनबावाड़ी केंद्र खोले जाने को लेकर अपनी सहमति जाहिर की। खोखा दक्षिण पंचायत की मंजू देवी ने कहा कि पूरे कोरोना काल में सेविकाओं द्वारा हमें बचाव की जानकारी नियमित रूप से दी गई है। इसके साथ ही सेविकाएँ घर-घर आकर बच्चों और गर्भवती-धात्री महिलाओं के की स्वास्थ्य का निरीरक्षण किया गया है। आंगनबावाड़ी केंद्र सामान्य रूप से खुलने से लोगों को सुविधाएं मिलना और आसान हो सकेगा।