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तिसरी के सूरज बर्णवाल बने चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड में खुशी की लहर

झारखंड ब्यूरो

गिरिडीह(झारखंड)दृढ़ इच्छा शक्ति,लगन और कुछ कर गुजरने का दिल में जज्बा हो तो किसी भी तरह की बाधाएं किसी भी सफलता में बाधक नहीं बन सकती है। इस कहावत को चरितार्थ किया है तिसरी के सूरज कुमार बर्णवाल ने। तिसरी जैसे पिछड़े इलाके में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं रहने के बावजूद एक सुविधा प्राप्त छात्र व छात्रा की तरह जीवन के थपेड़ों को झेलते हुए अपने हौसले और कठिन मेहनत से आज वह ऐसे मुकाम पर पहुंच गए है। जहां से सभी तरह से सक्षम छात्र और छात्रा को चुनौती देते प्रतीत हो रहे है। तिसरी निवासी रामचन्द्र लाल व सुनीता देवी के पुत्र सूरज कुमार ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित चिकित्सा पदाधिकारी की परीक्षा में उतीर्ण हुए है। सूरज ने चिकित्सा पदाधिकारी की परीक्षा में परचम लहराकर ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि तिसरी प्रखंड का नाम रौशन किया है। बता दें कि सूरज कुमार के पिता रामचन्द्र लाल व्यवसायी हैं। सूरज के पिता की तिसरी के गम्हरियाटांड़ में छोटा सा किराना की दुकान है। लिहाजा तंगहाली के कारण सूरज कुमार की प्राथमिक शिक्षा,माध्यमिक और उच्च शिक्षा तिसरी से ही पूरी की है। उन्होंने प्रखंड मुख्यालय स्थित अनूप आवासीय विद्यालय से क्लास 6 तक की पढ़ाई की। इसके बाद सूरज अग्रवाला उच्च विद्यालय से प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास किए। इसके उपरांत सूरज ने 10+2 विज्ञान की पढ़ाई और नीट की तैयारी पटना से किया। फिर सूरज ने रिम्स से 2015 से 2021 तक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद सूरज पढ़ाई के दौरान कभी भी अव्यवस्था को बाधा नहीं माना। सूरज कुमार बढ़ चढ़कर हरेक चुनौतियों को कबूल करके इससे सामना करते रहे। यही वजह है कि कामयाबी सूरज का कदम चूमने को मजबूर हो गई। सूरज सफलता का सारा श्रेय अपनी मां सुनीता देवी,पिता रामचन्द्र लाल,दादा भिखो लाल,भाई, बहन तथा गुरुजनों को देते हैं। सूरज चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर रहकर समाज की सेवा और देश के उत्थान के लिए काम करना चाहते हैं। इधर सूरज कुमार की सफलता से उनके माता,पिता,भाई,बहन सहित तिसरी के लोग फुले नहीं समा रहे हैं।