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गुरुवार को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलेंगी विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं

पूर्णिया जिले के के. नगर प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सेवाओं का सिविल सर्जन ने किया उद्घाटन:
केंद्रों पर नियमित टीकाकरण सेवा के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का भी मिलेगा लाभ:

पूर्णिया(बिहार)मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए प्रत्येक हफ्ते के बुधवार एवं शुक्रवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र व कुछ चयनित केंद्रों पर ग्रामीण/शहरी स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन किया जाता है। राज्यस्तरीय अंतर्विभागीय टीम एवं सहयोगी संस्थाओं द्वारा विभिन्न जिलों में समुदाय स्तर पर भीएचएसएनडी कार्यक्रम के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के बाद इसमें बदलाव का निर्णय लिया गया है। इसके तहत नियमित टीकाकरण के लिए प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को यथावत रखते हुए समुदाय स्तर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों एवं अन्य टीकाकरण हेतु चयनित केंद्रों पर गुरुवार को भी भीएचएसएनडी से सम्बंधित सेवाओं का लाभ दिया जाएगा । इस क्रम में पूर्णिया जिला के के. नगर प्रखंड में चलाए जा रहे सी-सैम प्रोग्राम के साथ ही प्रत्येक गुरुवार को भीएचएसएनडी कार्यक्रम के संचालन का लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। 02 फरवरी (गुरुवार) को इस अभियान की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ.अभय प्रकाश चौधरी द्वारा के.नगर प्रखंड के गोकुलपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में किया गया। इस दौरान केंद्र में उपस्थित बच्चों को सिविल सर्जन द्वारा पोषाहार खिलाया गया और महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई। पूर्णिया जिले के के.नगर प्रखंड के अलावा इस कार्यक्रम को भागलपुर जिले के हुसैनाबाद एवं बरारी शहरी क्षेत्र तथा शेखपुरा जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों में शुरू किया जा रहा है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल संचालन होने से इसे पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा। के. नगर प्रखंड में अभियान के उद्घाटन में सिविल सर्जन के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय मोहन, के. नगर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार, डब्लूएचओ एसएमओ डॉ. अनीश-उर-रहमान भुईयां, यूनिसेफ कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद, यूनिसेफ एसएमसी मुकेश गुप्ता,आरआई पीसी चाय राहुल सोंकार, बीएचएम/बीसीएम विभव कुमार, हेल्थ एजुकेटर के साथ अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

केंद्रों पर नियमित टीकाकरण सेवा के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का मिलेगा लाभ:
सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को पूर्व से आयोजित नियमित टीकाकरण के अतिरिक्त प्रत्येक गुरुवार को दो माह में एक बार आंगनबाड़ी केंद्रों व अन्य चयनित क्षेत्रों में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन किया जाएगा। इसके तहत लोगों को प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव पश्चात जांच (एएनसी-पीएनसी), मातृ एवं बाल सम्बंधित बीमारियों की जांच, परिवार नियोजन, पोषण, टीकाकरण, गैर संचारी रोग में शामिल उच्च रक्तचाप व मधुमेह स्क्रीनिंग की सुविधा, ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन द्वारा दी जा रही चिकित्सकीय परामर्श आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इससे स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।

केंद्रों में उपस्थित रहेगी सभी आवश्यक सुविधा:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय मोहन ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुरुवार को संचालित स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए सभी प्रकार की आवश्यक स्वास्थ्य सामग्री उपलब्ध रखा जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के जांच किट एवं दवाईयां महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही विभिन्न जांच के लिए भीएचएसएनडी साइट पर ग्रीन चैनल भी क्रियाशील रखा जाएगा,जिससे आमलोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो सके।

चार महीने तक कार्यक्रम सम्पादन के पश्चात प्रभावों के आधार पर अन्य जिलों में होगा संचालन:
यूनिसेफ कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद ने बताया कि प्रस्तावित कार्यक्रम को भीएचएसएनडी पायलट प्रोजेक्ट से सम्बंधित सूक्ष्म कार्ययोजना आगामी चार महीने तक संपादित किए जाने के पश्चात समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य सम्बंधित प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बेहतर परिणाम को देखते हुए इसे अन्य जिले में संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी स्तर पर टीम गठित कर सघन अनुश्रवण व परीक्षण किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य उपकेन्द्र/हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ को दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान नियमित रूप से साप्ताहिक बैठक का आयोजन कर इसके सफल संचालन के लिए आवश्यक करवाई करने का निर्देश दिया गया है।