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लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिये सदर अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण

प्रसव संबंधी सुविधाओं के विस्तार के लिये स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये जरूरी दिशा निर्देश

साल के अंत तक लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिये हो रहा हर संभव प्रयास

अररिया(बिहार)लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिये रिजनल प्रोग्राम मैनेजमेंट टीम द्वारा बुधवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण टीम की अगुआई क्षेत्रीय प्रबंधक नजमुल होदा ने किया. इस क्रम में अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिये उपलब्ध संसाधनों का बारिकी से मुआयना किया गया. प्रसव गृह से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की गयी. साथ ही लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित प्रस्ताव से संबंधित जरूरी तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गयी. निरीक्षण के क्रम में मेंटर मीरनवा, क्वालिटी कंल्सटेंट मधुबाला, केयर इंडिया की डीटीएल पर्णा चक्रवती, डॉली कुमारी, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित अन्य मौजूद थे. प्रसव संबंधी मामलों के निरीक्षण से लिये सदर अस्पताल पहुंची रिजनल टीम प्रसव संबंधी सुविधाओं के विस्तार व इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के महत्वपूर्ण बिंदूओं पर विस्तृत चर्चा की गयी तथा प्रसव संबंधी सुविधाओं के विस्तार के लिये स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये जरूरी दिशा निर्देश दिये गए.

लक्ष्य प्रमाणीकरण से सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा :

निरीक्षण के लिये पहुंची रिजनल टीम के क्षेत्रीय प्रबंधक नजमुल होदा ने लक्ष्य कार्यक्रम के संबंध में बताया कि प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है. बच्चों के जन्म के समय विकलांगता का सबसे अधिक खतरा होता है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है. इसका मूल उद्देश्य प्रसव कक्ष, मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिये बने विशेष देखभाल इकाई के गुणवत्ता में सुधार लाना है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में प्रसव संबंधी सुविधाओं में काफी हद तक सुधार हुआ है. फिलहाल जिले का लक्ष्य स्कोर 82 प्रतिशत है. साल के अंत तक इसे लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल करने की दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना कार्यक्रम का मूल उद्देश्य :

निरीक्षण से संबंधी जानकारी देते हुए केयर की डीटीएल पर्णा चक्रवती ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने के बाद जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी. डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर देखभाल की सुविधा हो पायेगा. लक्ष्य प्रमाणिकरण हासिल करने के लिये बहुआयामी रणनीति पर अमल किया जा रहा है. जैसे बुनियादी सुविधाओं का विकास, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता, पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के क्षमता संवर्द्धन व प्रसव कक्ष में उपलब्ध सुविधाओं के विकास को इसमें शामिल किया गया है.

निरीक्षण टीम द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सुझाव पर किया जायेगा अमल :

इस संबंध में जिला अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल करने के लिये हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. साल के बांकी दो महीनों में प्रसव संबंधी सुविधाओं के विस्तार सहित मौजूदा कमियों को लेकर टीम के द्वारा जरूरी दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रसव कक्ष व इसके बाहर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है. साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जरूरी सुझाव व बचाव उपायों को सख्ती से लागू करने का दिशा निर्देश जांच टीम द्वारा प्राप्त हुआ है. आने वाले समय में इस दिशा में ठोस प्रयास किये जायेंगे. प्रसव कक्ष में कार्यरत कर्मी को कोरोना संक्रमण के उपायों के प्रति जागरूक करते हुए इस अमल में लाने के लिये लगातार प्रेरित किया जा रहा है.